अपने संदेश में जनरल चौहान ने कहा, “1932 में अपनी स्थापना के बाद से, भारतीय वायुसेना वीरता, उत्कृष्टता और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बन चुकी है। वायु योद्धाओं ने भारत के आसमान की रक्षा की है और युद्धों तथा मानवता के कल्याण के कार्यों में निर्णायक भूमिका निभाई है। उनकी निस्वार्थ सेवा, सटीकता और साहस प्रेरणादायक हैं और उनकी समर्पण और अद्वितीय सेवा का प्रमाण हैं। आज हम इस विरासत को सम्मानित करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने राफेल जेट्स और अपाचे हेलीकॉप्टर्स जैसे अत्याधुनिक प्लेटफार्मों के समावेश के साथ अपनी क्षमताओं में महत्वपूर्ण प्रगति की है। IAF का आत्मनिर्भरता पर ध्यान ने हल्के युद्धक विमान तेजस और हल्के युद्धक हेलीकॉप्टर प्रचंड के सफल विकास को संभव बनाया, जो हमारे स्वदेशी नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारे वायु योद्धाओं ने मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों में असाधारण दक्षता दिखाई है, जो IAF की तत्परता और प्रतिक्रिया को उजागर करता है।"
इसके आगे उन्होंने कहा कि, "रखरखाव समर्थन प्रणालियों को मजबूत किया गया है, जिससे विमानों की सेवा में सुधार और डाउनटाइम में कमी आई है। हमने अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत किया है, मित्र देशों के साथ संयुक्त अभ्यास और सहयोग में भाग लिया है, जिससे हमारे संचालन की क्षमता में वृद्धि हुई है।”
जनरल चौहान ने कहा कि एक शक्तिशाली तकनीक-आधारित बल के रूप में IAF सतर्क है, भारत की संप्रभुता और हितों की रक्षा कर रहा है। यह नवीनतम प्रौद्योगिकी के लाभ उठाने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और हमारे कर्मचारियों की विशेषज्ञता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना अपने राष्ट्र के हितों की रक्षा करते हुए साहस, प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता के मूल्यों को बनाए रखते हुए नए heights को छूती रहेगी।
CDS ने सभी रैंकों और उनके परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक आभार और प्रशंसा व्यक्त की, और कहा कि उनकी निस्वार्थ सेवा प्रेरणा का एक प्रकाशस्तंभ है और राष्ट्र इस महत्वपूर्ण अवसर पर उन्हें सम्मानित करता है।