कथित तौर पर बलरामपुर जिले के प्रशासन द्वारा समर्थित और अपनी गतिविधियों के लिए संदिग्ध छांगुर पीर की एक नई करतूत सुदर्शन न्यूज़ के संज्ञान में आई है। हमें इस बात के पक्के प्रमाण मिले हैं कि छांगुर पीर ने बलरामपुर जिले की एक अन्य हिन्दू महिला को महाराष्ट्र में किसी बड़े लाभ का वादा किया है। महिला का नाम संगीता देवी है जो कि शारदा निवास नाम की किसी जगह पर रहती थी। मिली जानकारी के मुताबिक कुछ ही समय पहले संगीता इस घर से कहीं और शिफ्ट कर दी गई है।
यह मामला भी तमाम खुलासों के बावजूद आंख मूंदे बलरामपुर जिला प्रशासन से जुड़ा है। सामने आई एक नई जानकारी के मुताबिक छांगुर पीर महाराष्ट्र के पुणे जिले के लोनावला नाम की जगह पर बन रहे करोड़ों रुपयों के एक प्रोजेक्ट में पार्टनर है। इस प्रोजेक्ट में उसने काफी रूपये निवेश भी कर रखे हैं। महज 10 साल पहले अंगूठी का नग बेचने वाले छांगुर के पास ये पैसे कहां से आए इसको जानने में फिलहाल बलरमपुर प्रशासन की फिलहाल और पिछले 3 सालों से तो कोई दिलचस्पी नहीं है।
हालांकि हमारी खबर का दूसरा पहलू और भी ज्यादा सनसनीखेज है। सुदर्शन न्यूज़ के हाथ इस करोड़ों रुपयों के प्रोजेक्ट का एग्रीमेंट लेटर लगा है। यह एग्रीमेंट लेटर 8 जुलाई 2023 को बाराबंकी की सदर तहसील में बनवाया गया है जिसकी बाकायदा नोटरी भी हुई है। एग्रीमेंट में नवीन घनश्याम रोहरा और छांगुर पीर बाकायदा पार्टनर के तौर पर दर्ज हैं। नवीन वही है जिसका असली नाम जमालुद्दीन है।
कुल 4 लोगों का एग्रीमेंट में पार्टी के तौर पर नाम है। लेकिन इसी एग्रीमेंट के बिंदु संख्या 6 में एक हिन्दू महिला का नाम होना सबसे संदेहास्पद विषय है। एग्रीमेंट के मुताबिक मुनाफे का कुछ अंश संगीता देवी को दिया जाएगा। संगीता देवी के न तो पिता का नाम लिखा गया है और न ही पति का। हां, पते के तौर पर शारदा निवास, बड़ा धुसाह बलरामपुर जरूर अंकित है।
संगीता देवी कौन हैं, इनको मुनाफे का हिस्सा क्यों दिया जाएगा ये अभी तक फ़िलहाल किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को नहीं पता। सुदर्शन न्यूज़ ने अपनी तरफ से ये जानकारी जुटाई है कि कुछ दिन पहले छांगुर पीर के विवादों में घिर जाने की वजह से संगीता देवी को कहीं और शिफ़ कर दिया गया है। हालांकि हमें सूत्रों से इतना पता चला है कि संगीता देवी का एक परिजन छांगुर पीर से अर्थिक तौर पर लम्बे समय से कनेक्ट है। वह छांगुर के इशारे पर लोगों पर अलग-अलग जिलों में FIR दर्ज करवाने, छांगुर को कानूनी सलाह देने आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बड़ा सवाल यह है कि क्या संगीता देवी भी छांगुर द्वारा मिले किसी लाभ के लालच में फंस गई है ? क्या जिस प्रकार से नीतू को नसरीन बनाया गया है, उसी तरह संगीता देवी भी समरीन बनने वाली हैं ? क्या संगीता देवी भी जमालुद्दीन की तरह पहले इस्लाम कबूल कर चुकी हैं पर अभी तक अपने पुराने नाम से रह रही हैं ? शारदा निवास ऐन मौके पर क्यों छोड़ा गया ? UP की महिला को महाराष्ट्र में लालच क्यों दिया गया। ऐसे तमाम सवालों पर जल्द ही सुदर्शन न्यूज़ बड़ा खुलासा करेगा। इस खुलासे में फंडिंग, हवाला, लैंड जिहाद के नेटवर्क से कई शासकीय, न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारियों की भी मिलीभगत सामने आएगी।