विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ अब उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को खाली कराने का मुद्दा सुलझाना है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसके कृत्यों के निश्चित परिणाम मिलेंगे.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब केवल एक ही मुद्दा सुलझाया जाना शेष है कि पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करे और आतंकवाद के प्रति अपने दीर्घकालिक जुड़ाव को छोड़ दे.
उन्होंने कहा, 'कई देश अपने नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण पीछे छूट जाते हैं, लेकिन कुछ देश जानबूझकर ऐसे फैसले लेते हैं, जिनके परिणाम विनाशकारी होते हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ''हमने कल इसी मंच पर कुछ अजीबोगरीब बातें सुनीं. इसलिए मैं भारत की स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहता हूं. पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसके सजा से बचने की कोई उम्मीद नहीं है. इसके विपरीत, कृत्यों के निश्चित रूप से परिणाम होंगे.
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब केवल एक ही मुद्दा सुलझाया जाना शेष है कि पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करे और आतंकवाद के प्रति अपने दीर्घकालिक जुड़ाव को तिलांजलि दे. जयशंकर ने यह भी कहा कि आतंकवाद विश्व की सभी मान्यताओं के विपरीत है.
उन्होंने कहा, ''इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का दृढ़ता से विरोध किया जाना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र की ओर से वैश्विक आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में भी राजनीतिक कारणों से बाधा नहीं डाली जानी चाहिए.''