बिहार में पिछले 15 दिनों में ही बिहार में 12 पुल ढह गए हैं. पुल गिरने के मामले को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं. वहीं अब लागातार पुल गिरने की घटनाओं के बाद नीतीश सरकार एक्शन में आ गई है. बता दें कि, राज्य सरकार ने 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है. इससे पुल निर्माण कर रही कंपनी में हड़कंप मच गया है.
मामले को लेकर राज्य जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि नौ पुलों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है. इनमें से छह बहुत पुराने हैं. तीन अन्य निर्माणाधीन हैं. प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि इंजीनियर और ठेकेदार इसमें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उड़नदस्ता टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इंजीनियर इसे लेकर न तो सावधान थे और न ही निगरानी कर रहे थे.
अतिरिक्त मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि इस मामले में विभिन्न पदों के 15 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि नए पुलों का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा राज्य पुल निर्माण निगम से जल्द से जल्द रखरखाव और मरम्मत का अनुरोध किया गया है. ठेकेदार मातेश्वरी कंस्ट्रक्शन इसका खर्च वहन करेगा. इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं ग्रामीण कार्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंह ने कहा कि अब तीन पुलों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है. 18 जून को अररिया में बखरा नदी पर सबसे पहले नुकसान की सूचना मिली. राज्य और केंद्र की टीमें जांच कर रही हैं. चार इंजीनियरों को निलंबित किया गया, दो अन्य को पहले ही निलंबित कर दिया गया है. अन्य कारणों से संबंधित ठेकेदारों को पेमेंट जांच पूरी होने तक रोक दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि निरीक्षण टीमों की ओर से अंतिम रिपोर्ट देने के बाद ठेकेदार और सलाहकार पर अंतिम कार्रवाई की जाएगी.
दीपक सिंह ने कहा कि पुल का निर्माण कार्य चल रहा था. ठेकेदार ने कथित तोड़फोड़ के लिए कुछ स्थानीय लोगों के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज करा दी थी. हमने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है कि 15 जून के बाद निर्माण क्यों किया जा रहा था. दीपक सिंह ने कहा कि कुछ अन्य पुल हैं जिनके लिए एजेंसी का पता लगाया जाना बाकी है हम जिला प्रशासन से इनपुट मांग रहे हैं.