भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन हर उम्र के लोगों के लिए प्रेरणादायक है। 25 दिसंबर 2024 को उनकी 100वीं जयंती मनाई जा रही है। अटल जी का जीवन विशेष रूप से छात्रों के लिए एक अमूल्य धरोहर है, क्योंकि उनके विचार और आदतें हमें जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्ग दिखाती हैं। अटल जी ने हमेशा अपने जीवन में सिद्धांतों, मेहनत और समर्पण को महत्व दिया, जिससे हर छात्र सीख सकता है।
अटल बिहारी वाजपेयी का मानना था कि शिक्षा से ही गरीबी दूर होती है। उन्होंने हमेशा शिक्षा के महत्व को समझा और इसे समाज की प्रगति के लिए अत्यधिक जरूरी बताया। अटल जी के अनुसार, "शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं, बल्कि समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी निभाना है।" उन्होंने छात्रों को यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सशक्त साधन है।
अटल जी ने हमेशा अपनी भाषा पर गर्व करने की बात की। उनका मानना था कि अपनी मातृभाषा में आत्मविश्वास से बात करना, भारतीय संस्कृति को सम्मान देना और अपनी भाषा में विचार व्यक्त करना चाहिए। उनके भाषणों में भारतीय संस्कृति और गौरव की गहरी छाप थी, जो छात्रों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन सकती है।
अटल जी हमेशा नए विचारों और योजनाओं को प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की, जिनसे देश की प्रगति को एक नया दिशा मिली। छात्रों को भी उनसे यह सिखने को मिलता है कि बड़े सपने देखें, क्योंकि केवल बड़े लक्ष्य ही इंसान को संघर्ष करने के लिए प्रेरित करते हैं।
अटल जी का मानना था कि ज्ञान को बांटना चाहिए। उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ भी सीखा, उसे साझा किया और यही उनकी सच्ची धरोहर थी। वह मानते थे कि "सिर्फ अपना ज्ञान हासिल करना पर्याप्त नहीं, उसे दूसरों तक पहुंचाना भी महत्वपूर्ण है।" इसी तरह, छात्रों को भी अपने ज्ञान का प्रसार करना चाहिए, जिससे समाज में समृद्धि और विकास हो सके।
अटल जी ने हमेशा गुरु का आदर करने की बात की। वह मानते थे कि गुरु के बिना जीवन में सफलता प्राप्त करना मुश्किल है। उन्होंने खुद भी हमेशा अपने गुरुओं का सम्मान किया और उनके मार्गदर्शन को अपने जीवन में अमल में लाया।