पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के उप प्रमुख और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साले हाफिज अब्दुल रहमान मक्की का शुक्रवार को लाहौर में मौत हो गया। मक्की लंबे समय से बीमार था और उसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था।
जेयूडी के अनुसार, मक्की मधुमेह से पीड़ित था और उसे लाहौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार सुबह उसे दिल का दौरा पड़ा और उसने वहीं अंतिम सांस ली।
कौन था अब्दुल रहमान मक्की?
मक्की का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में हुआ था। वह हाफिज सईद का बेहद करीबी सहयोगी था और लंबे समय तक लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा में विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाओं में रहा। मक्की लश्कर की गवर्निंग बॉडी शूरा का सदस्य और संगठन के लिए धन जुटाने जैसे कार्यों में सक्रिय था।
मुंबई हमलों और आतंकवाद से संबंध
अब्दुल रहमान मक्की का नाम 2000 में लाल किले और 2008 में मुंबई आतंकी हमलों में शामिल रहा। 26/11 के हमलों में उसने आतंकवादियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई थी। इन हमलों में 166 लोगों की जान गई थी। 2010 में अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकियों की सूची में डाल दिया।
ग्लोबल टेररिस्ट घोषित
2023 में, संयुक्त राष्ट्र ने मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया। इसके तहत उसकी संपत्ति जब्त की गई, यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया, और हथियार रखने पर रोक लगा दी गई। मक्की पर तालिबान और अल-कायदा से संबंध रखने का आरोप भी लगाया गया।
आतंकी फंडिंग में सजा
2020 में, पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालत ने मक्की को आतंकी फंडिंग के लिए 6 महीने की कैद की सजा सुनाई। इसके बाद से वह सार्वजनिक रूप से कम सक्रिय था।
भारत विरोधी बयान और विवाद
मक्की अपने भारत विरोधी भाषणों के लिए कुख्यात था। 2017 में उसके बेटे ओवैद रहमान मक्की को जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया था
अब्दुल रहमान मक्की पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के एक विवादास्पद चेहरा था। उसकी मौत से एक आतंकवादी अध्याय का अंत हुआ, लेकिन उसके कृत्य और उनकी विरासत अभी भी क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।