भारतीय वायुसेना महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन में नागरिक प्रशासन को पूरा सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। महाकुंभ-2025, जो कि विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, प्रयागराज को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारतीय वायुसेना, मध्य वायु कमान के माध्यम से नागरिक उड्डयन गतिविधियों को बढ़ावा देने, मानवता सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान देने वाली है।
वायुसेना का कार्य और जिम्मेदारियां
वायुसेना का मुख्यालय प्रयागराज में आयोजित होने वाली इस धार्मिक उत्सव के संचालन में उत्तर प्रदेश सरकार को प्रभावी सहायता प्रदान करेगा। इसके तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिनमें नागरिक उड्डयन की गतिविधियों को सुविधाजनक बनाना और आपदा राहत कार्यों में सहयोग करना शामिल है।
बमरौली वायुसेना स्टेशन की भूमिका
महाकुंभ 2025 के दौरान, वायुसेना स्टेशन बमरौली 20 दिसंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक 24 घंटे, सातों दिन सिविल उड़ान संचालन की सुविधा प्रदान करेगा। यह स्टेशन महाकुंभ के लिए एक नोडल केंद्र के रूप में काम करेगा, जो Scheduled, Non-scheduled और Chartered उड़ानों को संचालित करेगा। बमरौली वायुसेना स्टेशन पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) कैट-II को बनाए रखा गया है, ताकि सर्दियों में खराब दृश्यता के बावजूद उड़ान संचालन जारी रह सके।
विकास कार्य और बुनियादी ढांचे की सुविधाएं
वायुसेना ने कौशाम्बी से एयरपोर्ट हाईवे और बेगम बाजार में रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के चार लेन के निर्माण के साथ-साथ सिविल एयरपोर्ट टर्मिनल के समय पर विस्तार की सुविधा के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को हर संभव सहायता प्रदान की है।
बचाव समन्वय दल का गठन
महाकुंभ 2025 के दौरान, भारतीय वायुसेना ने मेला स्थल पर एक समर्पित बचाव समन्वय दल बनाने की योजना बनाई है, जो प्राथमिक उपचार, आपातकालीन स्थिति और दुर्घटनावश निकासी के लिए आवश्यक विशेषज्ञ उपकरणों से लैस होगा।
राष्ट्रीय सेवा और आपदा प्रतिक्रिया में वायुसेना का योगदान
महाकुंभ 2025 में भारतीय वायुसेना की सक्रिय भागीदारी राष्ट्रीय सेवा, आपदा प्रतिक्रिया और सार्वजनिक सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।