इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
रेलवे भारत की जीवन रेखा है एवं लोको पायलट भारतीय रेलवे की धुरी है। भारतीय रेलवे में प्रतिदिन संचालित होने वाली हजारों सवारी एवं मालगाड़ियों के संचालन का पूरा जिम्मा लोको पायलट के कंधो पर होता है। हर मौसम में 24x7 लोको पायलट निरंतर अपनी जिम्मेदारी को वहन करते हुए पूर्ण सतर्कता के साथ रेल संचालन में अपना योगदान देते है।
रेलवे प्रशासन भी लोको पायलट के महत्व को समझते हुए उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए कृतसंकल्पित है। पूर्वाेत्तर रेलवे पर रेल सेवाओं के संरक्षित संचालन हेतु लोको पायलट, सहायक लोको पायलट एवं रनिंग स्टॉफ के 1784 पद स्वीकृत है एवं वर्तमान में 1449 रनिंग कार्मिक कार्यरत है। शेष 335 पदों पर भर्ती प्रक्रिया विभिन्न चरणों (रेलवे भर्ती बोर्ड एवं विभागीय परीक्षाओं द्वारा) में चल रही है।
पूर्वाेत्तर रेलवे की महाप्रबन्धक सौम्या माथुर के कुशल मार्ग निर्देशन तथा मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ आदित्य कुमार के नेतृत्व में रनिंग स्टॉफ हेतु पूर्वाेत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल पर कुल 08 क्रू लॉबी एवं 05 रनिंग रूम बनाये गये है। लखनऊ मण्डल पर गोरखपुर, गोंडा, लखनऊ, सीतापुर, मैलानी, बहराइच, नानपारा और नौतनवा में क्रूलॉबी तथा गोरखपुर, गोंडा, लखनऊ, सीतापुर और मैलानी में रनिंग रूम बनाये गये है, जहां स्थानीय मुख्यालय के अतिरिक्त दूसरे मुख्यालय से आने वाले रनिंग स्टॉफ को आराम हेतु रनिंग रूम की सुविधा प्रदान की जाती है।
भारतीय रेलवे पर लोको पायलट के ड्यूटी घंटों को सवारी गाडी में अधिकतम 08 घंटे एवं मालगाड़ियों में अधिकतम 10 घंटे निश्चित किया गया है। इसके बाद उन्हें विभिन्न नामित स्थानों पर स्थित रनिंग रूम (विश्राम गृह) में आराम दिया जाता है। रनिंग स्टॉफ को अपने मुख्यालय पर 16 घंटे एवं रनिंग रूम में 08 घंटे विश्राम के बाद अगली गाड़ी में बुकिंग की जाती है।