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Akshay Navami 2024: आज अक्षय नवमी पर ध्रुव और रवि योग का विशेष संयोग, जानिए क्यों शुभ है यह दिन?

आंवले का सेवन से बढ़ाएं इम्यूनिटी और पाएं देवी लक्ष्मी की कृपा। जानें आज के दिन का धार्मिक महत्व और पूजा विधि।

Ravi Rohan
  • Nov 10 2024 7:21AM
अक्षय नवमी का पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु आंवले के पेड़ के नीचे निवास करते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। इस साल अक्षय नवमी पर दो शुभ योग और दो शुभ नक्षत्र बन रहे हैं, जो इस पर्व को और भी खास बनाते हैं।

शुभ योग और नक्षत्र

इस अक्षय नवमी पर ध्रुव योग और रवि योग का संयोग बना है। ध्रुव योग 11 नवंबर की रात 1:42 बजे तक रहेगा, जबकि रवि योग आज सुबह 10:59 से शुरू होकर 11 नवंबर को सुबह 6:41 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, धनिष्ठा नक्षत्र सुबह 10:59 बजे तक रहेगा, जिसके बाद शतभिषा नक्षत्र प्रारंभ होगा। इन योगों और नक्षत्रों के कारण अक्षय नवमी का महत्व और भी बढ़ गया है।

अक्षय नवमी का धार्मिक महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार मां लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष को शिव और विष्णु का प्रतीक मानकर उसकी पूजा की। इस पूजा से प्रसन्न होकर भगवान शिव और विष्णु प्रकट हुए और लक्ष्मी माता को आशीर्वाद दिया। इस दिन की घटना के चलते कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी के रूप में मनाने की परंपरा है। इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है, जिसमें आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल अक्षय नवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:40 से दोपहर 12:05 तक रहेगा। इस दौरान, अभिजीत मुहूर्त जोकि अत्यधिक शुभ होता है, सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक रहेगा। इस अवधि में स्नान, पूजन, तर्पण और अन्न का दान करना विशेष फलदायी माना गया है।

अक्षय नवमी पर आंवले का सेवन

अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन बनाना और करना शुभ माना जाता है। यदि संभव न हो तो कम से कम आंवला जरूर खाना चाहिए। आंवला स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है; इससे इम्यूनिटी बढ़ती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इस दिन आंवले का सेवन करके न केवल स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, बल्कि इसे लक्ष्मी नारायण का आशीर्वाद प्राप्त करने का साधन भी माना गया है।

इस प्रकार, अक्षय नवमी का पर्व स्वास्थ्य, धार्मिकता और शुभता का प्रतीक है, जिसमें भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
 

 

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