संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति (UNHRC) ने पाकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में भेदभाव, हिंसा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों के मामलों में सुधार की तुरंत आवश्यकता है।
धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले
रिपोर्ट में हिंदू, ईसाई और अहमदी जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने और उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने पर कड़ी चिंता जताई गई है। समिति ने पूजा स्थलों पर हमले, भीड़ हिंसा और उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी दी है।
जेलों में बढ़ती कैदियों की संख्या
यूएनएचआरसी ने पाकिस्तान में ईशनिंदा कानूनों के कारण जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई है। समिति के अनुसार, साइबर अपराध कानूनों के तहत खासतौर से युवाओं को ऑनलाइन ईशनिंदा के आरोपों में निशाना बनाया जा रहा है।
अपराधियों पर कार्रवाई की अपील
संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान से अपील की है कि वह धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा और भेदभाव के मामलों पर रोक लगाए। साथ ही, इन घटनाओं में शामिल अपराधियों पर तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
ईशनिंदा कानूनों में बदलाव की सलाह
यूएनएचआरसी ने पाकिस्तान को ईशनिंदा कानूनों को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुसार बदलने या निरस्त करने की सलाह दी है। यह कदम धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी बताया गया है।
पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों पर अत्याचार
रिपोर्ट में पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों के खिलाफ जबरन उठाने, गायब करने, यातना देने, हत्या करने और धमकाने की घटनाओं का भी जिक्र किया गया है, जिससे समिति ने गहरी चिंता व्यक्त की है। इसके अलावा, इक्वाडोर, फ्रांस, ग्रीस, आइसलैंड और तुर्किये में भी मानवाधिकारों का मूल्यांकन किया गया है।