मासिक शिवरात्रि का व्रत हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, जो हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस साल, Paush माह की मासिक शिवरात्रि 2024 में 30 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस दिन व्रति उपवास रखते हुए शिवजी की पूजा करते हैं।
मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि
नहाकर शुद्ध होना: पूजा से पहले स्वच्छता का ध्यान रखें। पवित्र नदियों के तट पर स्नान करने का महत्व है, लेकिन यदि यह संभव नहीं हो, तो घर में जल या गंगाजल का छिड़काव करें। इससे शुद्धता बनी रहती है।
प्रसन्नता के साथ व्रत का संकल्प लें: इस दिन उपवास रखने का संकल्प लें और भगवान शिव के प्रति आस्था और श्रद्धा को प्रकट करें। व्रत के दौरान सत्य बोलने, अहंकार से बचने और सात्विक आहार ग्रहण करने का ध्यान रखें।
शिवलिंग का पूजन: सबसे पहले भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें। उसके बाद दूध, शहद, दही, घी और चीनी का मिश्रण शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद बेलपत्र, फूल, दूर्वा, फल और पंचामृत अर्पित करें।
पाठ और मंत्रों का जाप: शिवरात्रि की रात को "ॐ नमः शिवाय" या "महामृत्युञ्जय मंत्र" का जाप करें। विशेष रूप से महामृत्युञ्जय मंत्र का जाप रोगों और संकटों से मुक्ति दिलाने में मदद करता है। शिवजी का ध्यान करें और अपनी मनोकामनाओं को उनके समक्ष रखें।
रातभर जागरण: शिवरात्रि की रात को जागरण करना अत्यंत फलकारी माना जाता है। इस दौरान भजन-कीर्तन करें, शिव महिमा का गान करें, और ध्यान लगाकर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें। यह रात विशेष रूप से आत्म-संयम और ध्यान का अवसर होती है।
व्रत का पारण: शिवरात्रि का व्रत समाप्त होने के बाद दूसरे दिन पारण करना चाहिए। पारण करते समय भगवान शिव का नाम लेकर आहार ग्रहण करें। इससे व्रत का पूरा फल मिलता है।
भोलेनाथ की कृपा: मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। साथ ही, यह व्रत मानसिक और शारीरिक बल में भी वृद्धि करता है। शिवरात्रि का व्रत न केवल भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने का साधन है, बल्कि यह आत्म-सुधार का एक बेहतरीन उपाय भी है।