शारदीय नवरात्रि, देवी दुर्गा की आराधना का विशेष पर्व, आज से शुरू हो गया है। इस वर्ष यह पर्व 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। नवरात्रि के इस महापर्व में भक्तजन नौ दिन तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। नवरात्रि का पर्व मुख्य रूप से आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होता है और इसका समापन दशहरा के दिन होता है। इस दौरान भक्तजन उपवास रखते हैं, माता के गीत गाते हैं और गरबा, डांडिया जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
शारदीय नवरात्रि का कैलेंडर
प्रथम दिन (3 अक्टूबर): शैलपुत्री पूजा
द्वितीय दिन (4 अक्टूबर): ब्रह्मचारिणी पूजा
तृतीय दिन (5 अक्टूबर): चंद्रघंटा पूजा
चतुर्थ दिन (6 अक्टूबर): कूष्माण्डा पूजा
पंचम दिन (7 अक्टूबर): स्कंद माता पूजा
षष्ठी दिन (8 अक्टूबर): कात्यायनी पूजा
सप्तमी दिन (9 अक्टूबर): कालरात्रि पूजा
अष्टमी दिन (10 अक्टूबर): महागौरी पूजा
नवमी दिन (11 अक्टूबर): सिद्धिदात्री पूजा
(12 अक्टूबर) विजयदशमी: दुर्गा विसर्जन
घटस्थापना का अंतिम मुहूर्त
घटस्थापना के लिए आज का दिन विशेष महत्व रखता है। इस बार घटस्थापना का अंतिम मुहूर्त 3 अक्टूबर को सुबह 6:14 बजे से 7:23 बजे तक रहेगा। इस समय भक्तगण कलश की स्थापना कर सकते हैं। कलश स्थापना के साथ ही देवी की आराधना की शुरुआत होती है। भक्त इस दिन विशेष पूजन सामग्री और कलश के साथ अपने घरों में साफ-सफाई कर, नवजात कलश स्थापित करते हैं।
नवरात्रि का समापन 12 अक्टूबर को नवरात्रि की नवमी तिथि के साथ होगा, जिसके बाद भक्तजन दशहरा मनाएंगे। इस दिन विशेष रूप से माता दुर्गा के विजयी स्वरूप की पूजा की जाती है और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाले रावण का दहन किया जाता है। विभिन्न शहरों में विशेष मेला, भव्य पंडाल और पूजा आयोजन होते हैं, जिससे धार्मिक वातावरण बनता है। इस पर्व को लेकर भक्तों में अपार उत्साह देखने को मिलता है। हर कोई माता रानी से सुख, शांति और समृद्धि की कामना करता है।