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Akhurath Sankashti Chaturthi : अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर पढ़ें ये व्रत कथा, जीवन में बनी रहेगी सुख-समृद्धि

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा का दिन होता है।

Deepika Gupta
  • Dec 18 2024 5:49PM

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा का दिन होता है। यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, आज विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा और व्रत का महत्व होता है, क्योंकि भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर माना जाता है। तो पूजा के समय पढ़ें ये व्रत कथा।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का नाम "अखुरथ" इसलिये पड़ा क्योंकि इस दिन भगवान गणेश अपने पर्वतीय वाहन, 'मुसी' (चूहे) पर सवार होकर अपने भक्तों की सभी परेशानियों को दूर करते हैं। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से हर प्रकार के संकट का नाश होता है और जीवन में सुख, समृद्धि व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

व्रत कथा

व्रत की कथा के अनुसार, एक बार गणेश जी के भक्त श्रीगोपाल नामक एक व्यक्ति, अपनी दरिद्रता और परेशानियों से परेशान था। वह हमेशा भगवान गणेश की पूजा और ध्यान करता था, लेकिन उसके जीवन में कोई सुधार नहीं हो रहा था। एक दिन श्रीगोपाल ने संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने का निश्चय किया और पूरी श्रद्धा से पूजा की। पूजा के दौरान उन्होंने भगवान गणेश से प्रार्थना की कि, "हे गणेश! कृपया मेरी दरिद्रता को दूर करो और मेरे जीवन को सुखी बनाओ।"

भगवान गणेश ने अपनी कृपा से श्रीगोपाल का दुख दूर किया और उसे अपार धन-धान्य से संपन्न कर दिया। उसके घर में खुशहाली आ गई और उसे कभी भी धन की कमी नहीं हुई। इस प्रकार भगवान गणेश की कृपा से श्रीगोपाल का जीवन बदल गया।

व्रत का महत्व

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर किसी के लिए लाभकारी माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से व्रति गणेश जी की पूजा करते हैं, व्रत का संकल्प लेते हैं, और व्रति सच्चे मन से पूजा करके भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन भगवान गणेश की उपासना से न केवल सांसारिक सुख-समृद्धि मिलती है, बल्कि जीवन में आने वाली सभी बाधाएं भी समाप्त होती हैं। विशेष रूप से, यह व्रत उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है, जो किसी भी प्रकार की आर्थिक समस्या या मानसिक तनाव से जूझ रहे होते हैं।

कैसे करें पूजा

व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें।
व्रति गणेश जी की पूजा करें, ताजे फूल, दूर्वा, लड्डू और अन्य प्रिय भोग अर्पित करें।
संतान सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए गणेश जी से आशीर्वाद लें।
व्रत की संकल्प विधि अनुसार दिनभर उपवासी रहें और रात्रि को कथा सुनें।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति लाने वाला होता है।  

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