इनपुट - कुशाग्र मिश्रा, Twitter -@KushagraMish24
नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने अंसल API को दिवालिया घोषित कर दिया, जिसके बाद लखनऊ और नोएडा के प्रॉजेक्ट्स में निवेश करने वाले 3,000 से ज्यादा निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये फंस गए हैं। इनमें कई निवेशकों को 2009 में खरीदी गई संपत्तियां अब तक नहीं मिलीं।
दिवालिया घोषित होने के बाद लखनऊ में निवेशक कंपनी के ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए जबकि कंपनी के कर्मचारी ऑफिस छोड़कर भाग गए। बता दें अंसल को यूपी सरकार ने 2003 में हाईटेक टाउनशिप के लिए लाइसेंस दिया था लेकिन विकास कार्य में असफल रहने के बावजूद टाउनशिप क्षेत्र बढ़ाया गया। वर्तमान सरकार ने इसे घटाकर 4,500 एकड़ कर दिया। कंपनी के दिवालिया होने का कारण लोन का भुगतान न कर पाना था।
निवेशकों का कहना है कि यह निर्णय बिल्डर के लिए फायदेमंद है क्योंकि अब वह अपनी देनदारियों से बच चुका है। निवेशकों का आरोप है कि उन्हें न्याय नहीं मिल रहा, और अब वे सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।