जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार ( 22 अप्रैल 2025) को हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान को तेज कर दी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस हमले में आतंकियों की पहचान आसिफ शेख और आदिल गुरी के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों के घरों की तलाशी लेने के लिए छापेमारी की, लेकिन इस दौरान एक बड़ा धमाका हुआ, जिससे मकान पूरी तरह से तबाह हो गया। पुलिस का कहना है कि घर में संदिग्ध और खतरनाक सामग्री मौजूद थी।
भारतीय सेना और पुलिस की संयुक्त टीम जब तलाशी के लिए पहुंची, तो वहां संदिग्ध वस्तुएं मिलने पर खतरे की आशंका हुई। जवानों ने सतर्कता बरतते हुए पीछे हटने का निर्णय लिया, लेकिन तभी अचानक जोरदार धमाका हो गया। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पूरा घर मलबे में तब्दील हो गया। पुलिस के अनुसार, मकान में विस्फोटक सामग्री पहले से रखी गई थी।
जानकारी के अनुसार, आदिल थोकर, जिसे आदिल गुरी के नाम से भी जाना जाता है, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ आतंकवादी है। वह दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा इलाके का निवासी था। बताया जा रहा है कि 2018 में उसने पाकिस्तान की यात्रा की थी, जहाँ उसने आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त किया था। वह हाल ही में जम्मू-कश्मीर लौटा था और पहलगाम हमले में उसकी भूमिका की जांच चल रही है।
हमले के बाद सीमावर्ती इलाकों में भी तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) के कुछ हिस्सों में फायरिंग की है, जिसका भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन बॉर्डर इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
बॉर्डर की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी जल्द ही श्रीनगर और उधमपुर का दौरा करेंगे। वह वहां तैनात सुरक्षा अधिकारियों से मुलाकात कर हालात का जायज़ा लेंगे। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हमले के बाद पहलगाम पहुंचे थे, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी शीर्ष बैठक की अध्यक्षता की जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए।