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RSS में घुसपैठ और धर्म को राजनीतिक ताकत बनाकर इस तरह देश को दहलाना चाहता था प्रतिबंधित PFI...

इस साजिश को अंजाम देने के लिए PFI लगभग 50 लोगों को ट्रेनिंग भी दे रहा था। इस साजिश का मकसद संघ की हर गतिविधि पर नजर रखना और बड़े नेताओं की जानकारियाँ जुटाना था।

रजत के.मिश्र, Twitter - rajatkmishra1
  • Oct 4 2022 7:56AM

कुख्यात चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा आतंकी साजिश के लिए हवाला व चंदों के रूप में विदेश से पैसे जुटाने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया है।  

इतना ही नहीं पीएफआई के गिरफ्तार सदस्य जांच एजेंसियों के सामने पूछताछ के दौरान बड़े खुलासे कर रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गिरफ्तार पीएफआई के सदस्यों ने एसटीएफ के सामने एक और साजिश की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस साजिश को अंजाम देने के लिए PFI लगभग 50 लोगों को ट्रेनिंग भी दे रहा था। इस साजिश का मकसद संघ की हर गतिविधि पर नजर रखना और बड़े नेताओं की जानकारियाँ जुटाना था।
 
एसटीएफ को मिले साक्ष्य-
 
इसके लिए बकायदा सदस्यों को हिंदू देवी-देवताओं के बारे में जाने के साथ ही संघ की शाखा और उसके तौर – तरीकों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा था ताकि आरएसएस के अंदर से ही संवेदनशील सूचनाएं हासिल की जा सके। बीते मंगलवार को लखनऊ में बीकेटी के अचरामऊ से गिरफ्तार किए गए पीएफआई सदस्य मो. फैजान, मो. सुफियान और रेहान के वाट्सएप और लैपटॉप से इसके साक्ष्य भी एसटीएफ को मिले हैं। आरोपितों के पास से पुलिस ने संघ से जुडी कुछ किताबें भी बरामद की हैं। इन सभी का मकसद संघ की शाखाओं में जा कर वहाँ होने वाली बातों को इस्लामी मुल्कों और अपने आकाओं को भेजना माना जा रहा है।
 
दीपावली पर देश को दहलाने की थी साजिश-
 
गौरतलब है कि इससे पहले लखनऊ से गिरफ्तार इन्हीं आरोपितों ने पुलिस के आगे कबूला था कि उनकी साजिश देश भर में बम ब्लास्ट की थी। इसके लिए दीपवाली का दिन चुना गया था जिसमें मंदिर और हिन्दू बहुल इलाके निशाने पर थे। इसी के साथ आरोपितों के निशाने पर कई हिन्दूवादी नेता भी बताए गए थे। इस साजिश को अंजाम देने के लिए आरोपितों को बारूद बनाने और उसे ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही थी।
 
प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) धर्म को राजनीतिक ताकत बनाने की फिराक में था। इसके लिए उसने वोटरों को स्थानांतरित करने की योजना बनाई थी। इसके तहत कम आबादी वाले इलाके के मुस्लिम वोटर ज्यादा आबादी वाले इलाके की वोटर लिस्ट में जोड़ने का काम शुरू हो गया था। यह नाम संगठन अपने सदस्यों के घरों के पतों पर जुड़वा रहा था।पीएफआई का टारगेट था कि इसके जरिये ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर निगम में उनकी हनक बनी रहे।
 
पीएफआई की पहली प्राथमिकता कम मुस्लिम आबादी वालों को घनी आबादी में स्थानांतरित करने की थी। इसके लिए भारत-नेपाल के सीमावर्ती जिले व प्रमुख शहरों के ग्रामीण इलाके निशाने पर थे।

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