बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों के विरोध में सर्व हिंदू समाज 3 दिसंबर को दोपहर 2 बजे छत्तीसगढ़ के तेलीबांधा से विशाल रैली निकालेगी। इस रैली को भारतीय जनता पार्टी के तरफ से भी समर्थन है। धर्म गुरुओं ने इस मौके पर सभी लोगों से इस रैली में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा हालात को देखकर हिंदुओं से एकजुट होने का आह्वान किया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के तेलीबांधा तालाब में बड़ी सभा भी होगी। इसके बाद सर्व हिंदू समाज राजभवन तक पैदल मार्च कर राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपेगी।
इससे पहले भी विश्व हिंदू परिषद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ दो दिवसीय विरोध राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। इस प्रदर्शन को लेकर विहिप के राष्ट्रिय प्रवक्ता विनोद बंसल कहा कि, 'बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर इस्लामी जिहादी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा किए जा रहे निरंतर हमले, उत्पीड़न, मंदिर की प्रतिमाओं के ध्वस्तीकरण, हिंदू संपत्तियों व जीवन मूल्यों पर आक्रमणों तथा पूज्य संतो की अकारण गिरफ्तारी आदि विषयों को लेकर विश्व हिंदू परिषद - बजरंग दल आज व कल संपूर्ण भारत में विरोध प्रदर्शन करेंगे।' उन्होंने आगे लिखा कि, 'बांग्लादेश में सम्पूर्ण हिंदू समाज की सुरक्षा और पीड़ितों को न्याय दिलाने हेतु सभी भारत वंशियों व मानवीय जीवन मूल्यों में विश्वास रखने वाले जन समुदाय से आग्रह है कि वे इन प्रदर्शनों में आधिकारिक संख्या में स्थानीय स्तर पर सम्मिलित होकर अपना अपना योगदान सुनिश्चित करें। हिंदू हम सब एक हैं!!'
क्या है पूरा मामला ?
बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर इस्कॉन के वरिष्ठ सदस्य चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उन्हें ढाका एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उन्हें राजद्रोह के आरोप में हिरासत में लिया है। पुलिस ने ढाका एयरपोर्ट से उन्हें उठाकर अज्ञात जगह ले गई है। दरअसल, 22 नवंबर को चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने बांग्लादेश के रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया था। रैली में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों का विरोध किया गया था। माना जा रहा है कि इसी रैली के कारण उन पर यह कार्रवाई की गई।
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने बांग्लादेश के मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले के बाद मंदिरों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि चटगांव में तीन मंदिर खतरे में हैं, लेकिन हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मिलकर अब तक उन मंदिरों को बचाने में सफल हुए हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया था कि कई हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और भारत के पश्चिम बंगाल या त्रिपुरा के रास्ते पलायन कर रहे हैं।
वहीं, बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने हाल ही में एक हाई कोर्ट में हिन्दू धर्म के संगठन ISKCON को ‘कट्टरपंथी’ बताया है। उनका कहना है कि इस संगठन पर कार्रवाई पहले से ही चल रही है। यह बयान ISKCON के एक संत की गिरफ्तारी के बाद सामने आया है। एक वकील ने बांग्लादेश हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ISKCON पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।HC में दायर की गई याचिका में वकील ने ISKCON को देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। वकील ने इस संदर्भ में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कोर्ट से संगठन पर कार्रवाई की अपील की।
प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश पुलिस और इस्लामी कट्टरपंथियों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां और पत्थर बरसाए, साथ ही गोलीबारी की घटना भी सामने आई। इस हमले में एक सरकारी वकील की मौत हो गई। बांग्लादेश पुलिस ने इसे हिन्दू प्रदर्शनकारियों का ही काम बताया, हालांकि हिन्दू संगठन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमला मस्जिद से हुआ था, न कि उनके लोगों द्वारा।