सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

Bangladesh Violence: इस्कॉन मंदिर पर फिर हुआ हमला, इस्लामिक कट्टरपंथियों ने मंदिर में तोड़फोड़ के बाद भगवान की मूर्तियों को लगाई आग

बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर पर एक बार फिर से हमला हुआ है।

Rashmi Singh
  • Dec 7 2024 2:49PM
बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथी  धार्मिक स्थलों और हिंदुओं पर लगातार निशाना बना रहे है। इसी कड़ी में एक और खबर सामने आई है। दरअसल, शुक्रवार रात को ढाका के इस्कॉन नमहट्टा पर एक बार फिर से हमला हुआ है। जानकारी के अनुसार, कट्टरपंथियों ने मंदिर में पहले तोड़फोड़ की, इसके बाद उग्रवादियों ने देवताओं की मूर्तियों में आग लगा दी। इस बात की पुष्टि खुद कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने की है। 
 

इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि, "मंदिर की टिन की छत हटा दी गई और मूर्तियों को जलाने से पहले उन पर पेट्रोल डाला गया। एक सप्ताह पहले, इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को मुस्लिम भीड़ ने जबरन बंद करा दिया था। चिन्मय कृष्ण दास प्रभु और उनके सहयोगियों की हाल ही में हुई गिरफ्तारी, हिंदू संगठन इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास और देशद्रोह के मामलों के जरिए हिंदू विरोध को दबाया जा रहा है, हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है।"

क्या है पूरा मामला ? 

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर इस्कॉन के वरिष्ठ सदस्य चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया था। मीडिया रिपोर्टो के अनुसार, उन्हें ढाका एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उन्हें राजद्रोह के आरोप में हिरासत में लिया है। पुलिस ने ढाका एयरपोर्ट से उन्हें उठाकर अज्ञात जगह ले गई है। दरअसल, 22 नवंबर को चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने बांग्लादेश के रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया था। रैली में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों का विरोध किया गया था। माना जा रहा है कि इसी रैली के कारण उन पर यह कार्रवाई की गई।

चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने बांग्लादेश के मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले के बाद मंदिरों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि चटगांव में तीन मंदिर खतरे में हैं, लेकिन हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मिलकर अब तक उन मंदिरों को बचाने में सफल हुए हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया था कि कई हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और भारत के पश्चिम बंगाल या त्रिपुरा के रास्ते पलायन कर रहे हैं।

वहीं, बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने हाल ही में एक हाई कोर्ट में हिन्दू धर्म के संगठन ISKCON को ‘कट्टरपंथी’ बताया है। उनका कहना है कि इस संगठन पर कार्रवाई पहले से ही चल रही है। यह बयान ISKCON के एक संत की गिरफ्तारी के बाद सामने आया है। एक वकील ने बांग्लादेश हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ISKCON पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।HC में दायर की गई याचिका में वकील ने ISKCON को देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। वकील ने इस संदर्भ में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कोर्ट से संगठन पर कार्रवाई की अपील की। 

प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश पुलिस और इस्लामी कट्टरपंथियों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां और पत्थर बरसाए, साथ ही गोलीबारी की घटना भी सामने आई। इस हमले में एक सरकारी वकील की मौत हो गई। बांग्लादेश पुलिस ने इसे हिन्दू प्रदर्शनकारियों का ही काम बताया, हालांकि हिन्दू संगठन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमला मस्जिद से हुआ था, न कि उनके लोगों द्वारा।

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार