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भारत की कूटनीतिक हुई बड़ी जीत... फांसी की सजा पाने वाले 8 पूर्व नौसैनिक रिहा, 7 की हुई वतन वापसी

भारत की कूटनीतिक बड़ी जीत मिली है

Sumant Kashyap
  • Feb 12 2024 10:49AM

भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है. दरअसल, कतर ने 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है. भारतीय पूर्व नौसैनिकों जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे थे. उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी. भारत के अनुरोध पर उनकी सजा को कतर के अमीर ने पहले ही कम कर दिया था और उम्रकैद में बदल दिया था. वहीं, अब विदेश मंत्रालय ने बताया कि उन्हें रिहा कर दिया गया है. साथ ही 7 पूर्व नौसेनिक को वतन वापसी हो गई है. 

वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है. उन्होंने आगे कहा कि उन 8 में 7 भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और वतन वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि भारत लौटे पूर्व नौसैनिक अधिकारियों में एक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बगैर उनकी रिहाई संभव नहीं थी. उन्होंने राजधानी दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. सभी पूर्व अधिकारियों ने प्रधानमंत्री और कतर के अमीर का भी धन्यवाद दिया. एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि उनकी रिहाई बिना भारत सरकार की कोशिशों के मुमकिन नहीं था.

बता दें कि कतर की जेल में कैद रहने वाले आठों भारतीय पहले नौसैना में काम करते थे. इनके ऊपर कथित तौर पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का आरोप था, जिसके बाद आठों को गिरफ्तार किया. जानकारी के लिए बता दें कि ये लोग अक्टूबर, 2022 से ही कतर की जेल में बंद थे. कतर की अदालत ने आठों भारतीयों को जासूसी का दोषी भी पाया, जिसके बाद इन्हें मौत की सजा सुनाई गई. वहीं, अदालत के फैसले में इन्हें किस चीज का दोषी पाया गया, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया. 

इधर विदेश मंत्रालय ने अदालत के फैसले को काफी हैरानी भरा बताया था. मंत्रालय ने कहा था कि वे भारतीयों के खिलाफ लगे आरोपों से उन्हें मुक्त करवाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों का सहारा लेंगे. उन्होंने आगे कहा था कि इस केस में बड़ी हलचल तब हुई, जब पिछले साल कतर की अदालत ने भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद भारतीय नागरिकों की मौत की सजा को कम कर दिया. पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा को जेल में बिताए जाने वाले वर्षों के रूप में बदल दिया गया. 

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