महाशिवरात्रि को वाराणसी का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस बार, महाकुंभ की आखिरी तिथि के कारण लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। विशेष रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर में इस वर्ष 15 लाख से अधिक भक्तों के दर्शन का अनुमान है। इन श्रद्धालुओं को सुविधाजनक दर्शन कराने के लिए मंदिर प्रशासन ने सभी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया है।
विशाल शिव बारात के लिए तैयारी
महाशिवरात्रि के अवसर पर दारानगर से काशी विश्वनाथ मंदिर तक शिव बारात को 27 फरवरी को निकाले जाने का निर्णय लिया गया है। बढ़ती भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त अधिकारी और लाइनें तैनात की जाएंगी। साथ ही, महाकुंभ से आने वाले साधु-संतों की मंदिर में प्रवेश के दौरान भी व्यवस्थाओं की निगरानी की जाएगी। मंदिर प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि सब कुछ सुचारू रूप से चले। इसके अलावा, 25 से 27 फरवरी तक काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रोटोकॉल के तहत दर्शन बंद रहेंगे।
आरती समय की जानकारी
महाशिवरात्रि के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर 32 घंटे तक लगातार खुला रहेगा। बाबा की मंगला आरती 26 फरवरी को प्रातः 2:15 बजे से शुरू होगी और 3:15 बजे तक चलेगी। इसके बाद, 3:30 बजे से भक्तों के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा। इस दौरान पुष्प वर्षा से भक्तों का स्वागत किया जाएगा। मध्यान भोग आरती सुबह 11:40 बजे से शुरू होगी और 12:20 बजे समाप्त होगी। इसके अतिरिक्त, चारों प्रहर की आरती के समय भी निर्धारित किए गए हैं।
पहले प्रहर की आरती: रात 10:00 बजे से 12:30 बजे तक
दूसरे प्रहर की आरती: रात 1:30 बजे से 2:30 बजे तक
तीसरे प्रहर की आरती: सुबह 3:30 बजे से 4:30 बजे तक
चौथे प्रहर की आरती: सुबह 5:00 बजे से 6:15 बजे तक
महाशिवरात्रि के दौरान बाबा का झांकी दर्शन और रुद्राभिषेक भी लगातार होते रहेंगे।
भक्तों के लिए विशेष जानकारी
महाकुंभ से काशी पहुंचे साधु संतों का भी मंदिर में प्रवेश होगा। इस दौरान आम श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश समय-सीमा के भीतर नहीं हो सकेगा। इससे श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए 18 घंटे तक का समय लग सकता है। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और खानपान पर विशेष ध्यान दें।
वहीं, दिव्यांग जनों के लिए मंदिर प्रशासन ने महाशिवरात्रि के दौरान ऑनलाइन दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध कराई है।