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Dev Uthani Ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी के दिन विष्णु भगवान को लगाएं इन चीजों का भोग, हर मनोकामना होगी पूरी

हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का पर्व बहुत महत्व होता है।

Deepika Gupta
  • Nov 10 2024 10:34AM

हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का पर्व बहुत महत्व होता है। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में देव उठनी एकादशी 11 नवंबर को मनाई जाएगी। यह एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु के जागने के दिन के रूप में जानी जाती है और यह दीपावली के बाद आती है। इस दिन का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं। इसे 'प्रभोधिनी एकादशी' भी कहा जाता है, और इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु का पूजन कर उनके आशीर्वाद प्राप्त किए जाते हैं।

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर को शाम 6 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 12 नवंबर की शाम 4 बजकर 04 मिनट पर होगा। ऐसे में 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। जो लोग देवउठनी एकादशी व्रत का पालन कर रहे हैं, उन्हें पारण समय के अनुसार ही पारण करना चाहिए, क्योंकि पारण के बाद ही व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।

देव उठनी एकादशी के दिन व्रत, उपवासी और विशेष पूजा करने की परंपरा है। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उन्हें विशेष भोग अर्पित किए जाते हैं। भोग का चयन इस दिन के महत्व को ध्यान में रखते हुए किया जाता है ताकि भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। 

देव उठनी एकादशी के दिन अर्पित किए जाने वाले प्रमुख भोग

श्रीखंड और फल: देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को ताजे फल, विशेष रूप से केले, सेब, अनार आदि अर्पित किए जाते हैं। साथ ही, श्रीखंड (मिठा दही) भी एक प्रमुख भोग है, जो इस दिन भगवान को अर्पित किया जाता है। यह भोग विष्णु भगवान को बेहद प्रिय है।

लड्डू: भगवान विष्णु को बेसन के लड्डू भी अर्पित किए जाते हैं। लड्डू का स्वाद और रूप भगवान को विशेष रूप से आकर्षित करता है। लड्डू की मिठास और नरमियत भगवान को संतुष्टि प्रदान करती है।

संगत: चावल, मूंग दाल और घी से बनी संगत (खिचड़ी) भी इस दिन भोग के रूप में अर्पित की जाती है। संगत को विशेष रूप से ताजे घी में पकाकर भगवान को चढ़ाना शुभ माना जाता है।

पनीर और मिठाई: पनीर और अन्य मिठाइयां जैसे गुलाब जामुन, बरफी, और बर्फी के लड्डू भगवान के लिए अच्छे भोग होते हैं। ये भोग श्रद्धा और समर्पण से तैयार किए जाते हैं।

दूध और शहद: भगवान विष्णु को दूध और शहद भी अर्पित किया जाता है। यह भोग शुद्धता और शांति का प्रतीक माने जाते हैं। दूध के साथ शहद मिलाकर यह भोग विष्णु भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होता है।

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