इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने पावर कारपोरेशन प्रबन्धन पर आरोप लगाया है कि प्रबन्धन जानबूझ कर मौनी अमावस्या स्नान के पहले कर्मचारियों पर कार्यवाही करने का आदेश जारी कर अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बना रहा है। संघर्ष समिति ने प्रयागराज के सभी बिजली कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे 30 जनवरी तक कोई आन्दोलन नहीं करेंगे और पूरी तरह महाकुंभ में बिजली व्यवस्था श्रेष्ठतम बनाये रखने में दिन-रात लगे रहें।
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियन्ताओं ने राजधानी लखनऊ समेत समस्त जनपद एवं परियोजना मुख्यालयों पर सायंकाल विरोध सभा कर मोमबत्ती जुलूस निकाला। मोमबत्ती जुलूस के माध्यम से बिजली कर्मियों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रति अपना विरोध दर्ज किया। 28 जनवरी को भी बिजली कर्मी समस्त जनपदों में विरोध सभा करने के बाद मोमबत्ती जुलूस निकालेंगे।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, सुहैल आबिद, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो इलियास, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, विशम्भर सिंह एवं राम निवास त्यागी ने कहा कि पावर कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक ने आज सभी विद्युत वितरण निगमों के प्रबन्ध निदेशकों को निर्देश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि सभा और मोमबत्ती जुलूस में भाग लेने वाले बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों की वीडियोग्राफी की जाये, उन्हें कोई छुट्टी न दी जाये और उन पर कार्यवाही की जाये।
संघर्ष समिति ने कहा कि जब बिजली कर्मी भोजनावकाश के दौरान अथवा कार्यालय समय के उपरान्त शान्तिपूर्वक विरोध सभा कर रहे हैं तब उनकी वीडियोग्राफी करना और उन पर कार्यवाही करने का निर्देश पूरी तरह अलोकतांत्रिक और तानाशाहीपूर्ण है। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मी मौनी अमावस्या के स्नान को देखते हुए प्रयागराज में श्रेष्ठतम बिजली आपूर्ति दे रहे हैं। महाकुंभ एक सांस्कृतिक विरासत है जिसपर पूरे देश को गर्व है। महाकुंभ की व्यवस्था बनाये रखने में बिजली प्राणबिन्दु है। संघर्ष समिति ने महाकुंभ के महत्व को देखते हुए प्रयागराज के बिजली कर्मियों को निर्देश दिया है कि वे 30 जनवरी तक कोई आन्दोलन नहीं करेंगे और महाकुंभ की बिजली व्यवस्था का कीर्तिमान स्थापित करेंगे। संघर्ष समिति ने कहा है कि ऐसे समय बिजली कर्मियों की फोटोग्राफी करने और कार्यवाही करने के निर्देश अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण और भड़काने वाले कदम हैं।