जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में मंगलवार ( 22 अप्रैल 2025) को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। निर्दोषों पर हुए इस कायराना हमले से देश भर में आक्रोश फैल गया है। आम नागरिक से लेकर नेताओं तक, सभी इस बर्बरता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अब समय आ गया है कि आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए जाएं।
वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत जी ने इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत का स्वभाव कभी दुश्मनी का नहीं रहा, लेकिन यदि नुकसान पहुंचाया जाता है, तो उसका प्रतिकार करना भी हमारा कर्तव्य है। उन्होंने यह लड़ाई अच्छाई और बुराई के बीच की संज्ञा दी और कहा कि यह समय भारत की ताकत दिखाने का है।
सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने अपने संबोधन में देशवासियों से अपील की कि सभी मिलकर भारत को इतना मजबूत बनाएं कि कोई भी दुश्मन देश की ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत न करे। उन्होंने कहा कि इस समय एकजुट होकर राक्षसी सोच रखने वालों का अंत करना आवश्यक है।
बता दें कि, मंगलवार 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन क्षेत्र में आतंकवादियों ने पर्यटकों की हत्या कर दी। इस हमले में 26 बेगुनाह लोगों की जान गई। बैसरन, जिसे आमतौर पर 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहा जाता है, पर्यटकों से भरा रहता है। इस दर्दनाक घटना ने 2019 के पुलवामा हमले की भयावहता की याद दिला दी।
हमले के बाद भारतीय सेना हरकत में आ गई है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचने वाले हैं, जहां वे सुरक्षा की वर्तमान स्थिति का आकलन करेंगे। श्रीनगर में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से वह मुलाकात करेंगे और नियंत्रण रेखा के पास चल रहे आतंकवाद-रोधी अभियानों की समीक्षा करेंगे। इस दौरान 15 कोर कमांड और राष्ट्रीय राइफल्स के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
देश अब आतंकवाद के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने के मूड में है। सरकार, सुरक्षा एजेंसियां और आम लोग सभी इस बात पर एकमत हैं कि अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। पहलगाम जैसी घटनाएं देश की आत्मा को झकझोर देती हैं और यही समय है जब एकजुट होकर आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए जाएं।