इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
सैन्य अनुप्रयोगों के लिए साइबर सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, हेड क्वार्टर सेंट्रल कमांड लखनऊ और साइबर सुरक्षा के लिए उत्कृष्टता केंद्र, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (आईआईटीके) ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस महत्वपूर्ण साझेदारी का उद्देश्य हेड क्वार्टर सेंट्रल कमांड में स्वदेशी रूप से विकसित और डेटा-संवेदनशील सॉफ़्टवेयर की साइबरप्रूफिंग करना है।
इस समझौता ज्ञापन पर औपचारिक रूप से लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा एसएम, वीएसएम, चीफ ऑफ स्टाफ (सीओएस) सेंट्रल कमांड और प्रोफेसर तरुण गुप्ता, डीन, आरएंडडी, आईआईटी कानपुर ने सी3आईहब (C3iHub), आईआईटी कानपुर के परियोजना निदेशक प्रोफेसर संदीप शुक्ला की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। समारोह में शामिल होने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में भारतीय सेना से मेजर जनरल शबीह हैदर नकवी, कर्नल हिरेन बोरा, कर्नल सजल थापा और लेफ्टिनेंट कर्नल वैभव आप्टे और सी3आईहब, आईआईटी कानपुर से मुख्य वित्त अधिकारी श्री अजय के मिश्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (आरएंडडी) श्री रोहित नेगी, वरिष्ठ परियोजना कार्यकारी अभियंता श्री मृदुल चमोली, सहायक परियोजना प्रबंधक-लीगल सुश्री चंदन सिंह शामिल थे।
यह पहल रक्षा मंत्रालय (सेना) के हेड क्वार्टर, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित वर्ष के लिए भारतीय सेना की थीम "टेक्नोलॉजी अब्सॉर्प्शन 2024-2025" ("Technology Absorption 2024-2025) के तहत है। यह समझौता ज्ञापन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने तथा सैन्य सॉफ्टवेयर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए दोनों संस्थानों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
यह समझौता ज्ञापन एक व्यापक साइबर रक्षा रणनीति बनाने पर केंद्रित है जिसमें सक्रिय खतरे का पता लगाना, वास्तविक समय प्रतिक्रिया तंत्र और सुरक्षित सॉफ्टवेयर वास्तुकला का विकास शामिल है। भारतीय सेना के व्यावहारिक अनुभव को आईआईटी कानपुर की शैक्षणिक और अनुसंधान उत्कृष्टता के साथ जोड़कर, सहयोग का उद्देश्य एक मजबूत साइबर पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो परिष्कृत साइबर हमलों का सामना करने में सक्षम हो।
यह समझौता ज्ञापन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), क्वांटम कंप्यूटिंग, एन्क्रिप्शन और ड्रोन टेक्नोलॉजी सहित अन्य उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग के लिए मंच तैयार करेगा । इस साझेदारी से शिक्षा जगत और भारतीय सेना के बीच गहरा जुड़ाव बढ़ने, नवाचार को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की उम्मीद है। आईआईटी कानपुर और हेड क्वार्टर सेंट्रल कमांड दोनों ही राष्ट्रीय सुरक्षा के साझा लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं और शिक्षा जगत और सेना के बीच भविष्य के सहयोग के लिए एक मानक स्थापित करेंगे, जो अंततः राष्ट्र की रक्षा तैयारियों में योगदान देगा ।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1050 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 580 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं।