उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक बड़े ईसाई धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक घर में छापा मारा, जहाँ 30 से अधिक पुरुष और महिलाएँ धार्मिक सभा में शामिल थे। बताया जा रहा है कि यह सभा धर्मांतरण से जुड़ी गतिविधियों के तहत की जा रही थी। इस मामले में पुलिस ने घर के मालिक और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। ये मामला गुरुवार (10 अप्रैल) का है।
यह घटना अहिरौला थाना क्षेत्र के अरुषा गाँव की है। गाँव के लोगों का यह कहना है कि धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्तियों को हिंदू देवी-देवताओं की पूजा न करने की हिदायत दी जा रही थी। यह गतिविधि पिछले कुछ महीनों से गुप्त रूप से चल रही थी, लेकिन अब जाकर इसका खुलासा हुआ है।
पुलिस ने घर के मालिक और उसकी पत्नी को मौके से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पर स्थानीय लोगों को बहला-फुसलाकर ईसाई अपनाने के लिए मजबूर करने का आरोप है। ग्रामीणों का दावा है कि धर्मांतरण की इस प्रक्रिया में कुछ बाहरी लोग भी शामिल थे, जो गाँव में आकर लोगों को पैसे, नौकरी और बेहतर जीवन का लालच दे रहे थे।
इस पूरे मामले की शिकायत गाँव के ही एक जागरूक निवासी हैप्पी सिंह ने की थी। उन्होंने पुलिस को जानकारी दी कि गाँव में धार्मिक गतिविधियों के नाम पर कुछ संदिग्ध कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जब गुलाबचंद के घर पर छापा मारा, तो वहाँ से एक बाइबिल, कुछ ईसाई धर्म से संबंधित पर्चे और अन्य साहित्य बरामद किया गया।
पुलिस ने दोनों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी जाँच कर रही है कि इस रैकेट में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और क्या इसका कोई बड़ा नेटवर्क है। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।