असम के होजाई जिले में ईद के दिन एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है। जहां नज़बुल आलम ने श्मशान घाट में स्थित काली माता की मूर्ति को खंडित कर दिया, जिससे स्थानीय हिंदूओं में गहरा आक्रोश व्याप्त है। जिसके परिणामस्वरूप डबका में सड़कों पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नज़बुल आलम नामक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। एक बार फिर से हिंदुओं की आस्था का अपमान किया गया है। ये मामला सोमवार (31 मार्च 2025) का है।
ये घटना होजाई जिले के डबका क्षेत्र की है। जहां पहले से ही हिंदुओं की धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक मानी जाने वाली काली माता की मूर्ति स्थापित थी। मूर्ति को खंडित करने के बाद, स्थानीय हिंदू समाज में गहरा आक्रोश फैल गया और उन्हें अपनी धार्मिक आस्थाओं का अपमान महसूस हुआ। इसके बाद, हिंदू संगठनों और स्थानीय निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान, राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों ने सख्त शब्दों में इस कृत्य की निंदा की और आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने असम पुलिस और राज्य सरकार से आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने की अपील की।
मिल रही जानकारी के अनुसार आरोपित लंबे समय से सभी धर्मों में आस्था रखने का ढोंग कर रहा था। वह अक्सर हिंदुओं के साथ भाईचारे वाले हाव-भाव में देखा जाता था। नजबुल आलम की इस करतूत से उसके वो तनाम हिन्दू साथी भी हैरान हैं जो उसे अपनी तरह धर्मनिरपेक्ष मानते थे।
घटना के बाद, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और नज़बुल आलम नामक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि मामले की जांच पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जाएगी। असम पुलिस द्वारा इस मामले में त्वरित कार्रवाई से थोड़ी राहत मिली है।