'लैंड फॉर जॉब' मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से RJD प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को राहत मिली है। कोर्ट ने उनके साथ सभी 9 आरोपियों को जमानत दे दी है इस मामले को लेकर आज यानी सोमवार को सुनवाई हुई। अदालत ने सभी को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी आरोपियों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने को भी कहा है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होनी है।
बता दें कि, लैंड फॉर जॉब मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे। अदालत में सुनवाई के दौरान लालू यादव, तेजस्वी, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती एक साथ एक ही टेबल पर बैठे थे। ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया गया था।
ईडी ने तेज प्रताप को नहीं बनाया था आरोपित
इस मामले में तेज प्रताप यादव को ईडी ने हाल ही में समन भेजा था। हालांकि ईडी ने चार्जशीट में तेज प्रताप यादव को आरोपी नहीं बनाया था। लेकिन कोर्ट ने तेज प्रताप यादव को समन जारी करते हुए कहा था कि, तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य हैं और मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। संज्ञान लेते वक्त कोर्ट ने कहा था कि बड़ी तादात में जमीन का ट्रासंफर हुआ। यादव परिवार की ओर से पद का दुरुपयोग किया गया है। अदालत ने कहा था कि जमीन यादव परिवार के नाम पर ट्रांसफर की गई थी।
क्या है मामला
'लैंड फॉर जॉब' कथित घोटाला उस समय का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप के मुताबिक, रेल मंत्री रहने के दौरान लालू यादव ने रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से जमीन ली थी। लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे। दिल्ली कोर्ट ने 28 फरवरी 2023 को लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ समन भी जारी किया था।
इस मामले में सीबीआई ने 10 अक्टूबर 2022 को चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था. भोला यादव को जुलाई 2022 में ही सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। जुलाई 2022 में ही सीबीआई ने लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके ओएसडी रहे भोला यादव को गिरफ्तार किया था। सीबीआई का कहना है कि लालू यादव के परिवार ने कथित तौर पर पटना में 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन पर कब्जा कर लिया है। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। यानी ये जमीनें लालू परिवार ने नकद भुगतान कर खरीदी थी।