संगम तट पर बने पक्के स्नान घाट और भव्य हनुमान मंदिर कॉरिडोर पर हर दिन श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां लोग न केवल पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं, बल्कि मोबाइल से सेल्फी और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर करने का क्रेज भी खूब बढ़ा है। युवाओं के साथ-साथ परिवार भी बड़ी संख्या में इस स्थान पर आ रहे हैं।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ और अयोध्या के राम मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर को भी भव्य स्वरूप में विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर को इस कॉरिडोर और स्नान घाट का उद्घाटन किया। इसके बाद से संगम क्षेत्र और हनुमान मंदिर में भारी भीड़ देखी जा रही है।
देवनागरी वास्तु पर आधारित आकर्षक संरचना
40 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए इस कॉरिडोर का पहला चरण पूरा हो चुका है। देवनागरी वास्तुकला पर आधारित इस संरचना की चहारदीवारी और परिसर की भव्यता श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है। विशेष रूप से रात के समय लाइटिंग की वजह से यह जगह और भी सुंदर दिखती है, जिससे यहां दर्शनार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
भीड़ प्रबंधन और सुविधाओं की तैयारी
महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि आने वाले समय में यहां और अधिक भीड़ जुटने की संभावना है। इसके लिए कतार प्रबंधन (क्यू मैनेजमेंट) की योजना बनाई जा रही है। साथ ही, कॉरिडोर में सुरक्षा के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की जाएगी।
भव्य द्वार और मंदिर की सजावट
कॉरिडोर में प्रवेश और निकास के लिए वास्तु के अनुसार दो बड़े द्वार बनाए गए हैं। इसके अलावा परिसर में 10 और द्वार बनाए जाएंगे। दीवारों पर बजरंगबली के जीवन से संबंधित चित्र उकेरे गए हैं, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं।
दूसरे चरण में मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
कॉरिडोर के दूसरे चरण में कई आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। इसमें प्रसाद तैयार करने के लिए आधुनिक किचन, श्रद्धालुओं के लिए पूजा और ध्यान केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) शामिल होंगे। गर्भगृह में प्रवेश और निकास के स्थान को चौड़ा किया जाएगा। इसके अलावा, क्लॉक रूम, शुद्ध पेयजल (आरओ वाटर) और मंदिर के बाहर शौचालय जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। हनुमान मंदिर कॉरिडोर न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटनीय दृष्टि से भी संगम क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है।