प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में महाकुंभ के सफल आयोजन को लेकर एक संबोधन किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश और विशेष रूप से प्रयागराज की जनता का धन्यवाद किया, जिनके सहयोग से यह ऐतिहासिक आयोजन सफल हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह जनता की श्रद्धा और संकल्प का प्रतीक था, जैसा कि गंगा को लाने के लिए भगीरथ ने कठिन प्रयास किए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को एक महान प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें लाखों श्रद्धालु एकजुट होकर देश की ताकत और एकता का परिचय देते हैं। पीएम मोदी ने कहा, "महाकुंभ ने यह साबित कर दिया कि हमारी एकता हमारे अंदर गहरे रच-बस चुकी है, इसमें कोई भेदभाव नहीं था।" पीएम मोदी ने इस आयोजन को देशवासियों के समर्पण और श्रद्धा का अद्वितीय उदाहरण बताया, जिसमें हर वर्ग और क्षेत्र से लोग एकजुट हुए।
महांकुभ पर क्या बोले PM मोदी
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि महाकुंभ ने अयोध्या के राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद देश में बढ़ती जागरूकता को और मजबूती दी है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने भारत में नदियों की महिमा और उनके संरक्षण की आवश्यकता को उजागर किया, और यह समय की मांग है कि हम नदी उत्सव की परंपरा को आगे बढ़ाएं। इससे आने वाली पीढ़ियों को जल के महत्व का अहसास होगा और नदियों की सफाई व सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान देश के विकास की दिशा पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए संकल्पित है और इसके लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी। विपक्ष पर राजनीतिक प्रहार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह उनका तीसरा कार्यकाल है और सरकार आने वाले वर्षों में भी देश के विकास के लिए काम करती रहेगी।