नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई चल रही है। परीक्षा प्रणाली में सुधार को लेकर कोर्ट सुनवाई चल रही है। कोर्ट केंद्र सरकार की तरफ से इसरो के पूर्व प्रमुख राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित कमिटी के कार्यक्षेत्र पर बात की है। सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी परीक्षा के शुरुआती चरण से लेकर परिणाम आने तक के लिए कई कदम सुझाए है। कोर्ट ने कहा है कि, "कमिटी इस दिशा में अध्ययन कर अपने सुझाव दें।"
सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी से क्या कहा ?
सुप्रीम कोर्ट ने नीट मामले में कमिटी से कहा, "वह स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाए। परीक्षा केंद्र बनाने की प्रक्रिया में सुधार पर रिपोर्ट दें। छात्रों के वेरिफेकेशन को मजबूत किया जाए। पूरी प्रक्रिया में तकनीक की सहायता पर सुझाव दे। कमिटी केंद्र सरकार को 30 सितंबर तक रिपोर्ट दे। इन सबके अलावा कमिटी परीक्षा के पेपर में हेरफेर से बचने की व्यवस्था सुझाए।"
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कमिटी से कहा कि, "वह परीक्षा केंद्रों पर बेहतक सीसीटीवी निगरानी को लेकर सुझाव दें। छात्रों की शिकायत के निवारण की बेहतर व्यवस्था बने इस पर भी ध्यान दे। 30 सितंबर तक कमिटी की रिपोर्ट मिलने के दो सप्ताह के अंदर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय हमें रिपोर्ट के आधार पर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दें।"
परीक्षा संचालन में सुधार करेंगा NTA
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान NTA को परीक्षा कराने के तौर-तरीके बदलने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि," एजेंसी प्रश्न पत्र बनाने से लेकर परीक्षा खत्म हो जाने तक कठोर जांच सुनिश्चित करें। प्रश्न पत्रों के संचालन, आदि के जांच के लिए एक एसओपी बनाई जाए। पेपर को ट्रांसपोर्ट कराने के लिए खुले ई-रिक्शा के बजाय रियल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा प्राइवेसी लॉ को भी ध्यान में रखा जाए ताकि अगर कोई गड़बड़ी हो तो उसे पकड़ा जा सके। इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट्स की रिकॉर्डिंग, साइबर सुरक्षा सुरक्षा की व्यवस्था रखें ताकि डेटा को सेक्योर किया जा सके।"