प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड के सीमांत जिले उत्तरकाशी की यात्रा पर आ रहे हैं। इस दौरान, वह गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा में मां गंगा के दर्शन किए है। इसके बाद पीएम हर्षिल में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस महत्वपूर्ण दौरे के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनके साथ होंगे।
प्रधानमंत्री पहुंचे उत्तारखंड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 8 बजे भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद, प्रधानमंत्री एमआई-17 हेलीकॉप्टर से उत्तरकाशी के लिए रवाना होंगे। उनका पहला पड़ाव मुखबा होगा, जहां वह मां गंगा के शीतकालीन धाम में दर्शन करेंगे। इसके बाद, प्रधानमंत्री हर्षिल में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का यात्रा से पहले बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा को लेकर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मुखबा में पतित पावनी मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल के दर्शन को लेकर मैं बहुत उत्सुक हूं। यह पावन स्थल अपने आध्यात्मिक महात्म्य और अद्भुत सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह 'विरासत भी और विकास भी' के संकल्प का उदाहरण है।"
शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम की सराहना
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड सरकार द्वारा इस साल शुरू किए गए शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है और स्थानीय व्यवसायों को नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
सीएम धामी का पीएम मोदी का स्वागत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी की पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा, "देवभूमि उत्तराखंड की जनता प्रधानमंत्री का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन करती है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य के धार्मिक स्थलों का पुनर्विकास हो रहा है और शीतकालीन यात्रा के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।
सुरक्षा का कड़े इंतजाम
प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह है। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, जहां पुलिस और एसपीजी की टीमें सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगी। हर्षिल में जनसभा को देखते हुए वहां व्यापक तैयारियां की गई हैं। प्रधानमंत्री की इस यात्रा से उत्तरकाशी और गंगोत्री धाम के महत्व को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।