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Raipur: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कालीचरण महाराज ने दिया बयान... कहा- पूरा हुआ हमारा स्वप्न

भगवान श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने भी बड़ा बयान दिया है. धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कहा कि हमारे अस्मिता का केंद्र राम मंदिर हमे वापस मिल गया है.

Shraddha Mishra
  • Jan 16 2024 9:02PM

22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री रामलला के भव्य मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा. भगवान श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने भी बड़ा बयान दिया है. धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कहा कि हमारे अस्मिता का केंद्र राम मंदिर हमे वापस मिल गया है. इसके साथ ही उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विघ्‍न डालने वालों को असनातनी करार दिया है. 

बता दें कि धर्मगुरु कालीचरण महाराज विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल व हिंदू समाज की ओर से 20 जनवरी को आयोजित होने वाली बाइक रैली में शामिल होने के लिए रायपुर पहुंचे हैं. इसी दौरान उन्होंने शंकराचार्यों द्वारा प्राण-प्रतिष्‍ठा समारोह में न जाने को लेकर उन्होंने कहा कि जो राजा राम मंदिर वापस कर रहा है वही सच्‍चा सनातनी है.जो विघ्‍न डाल रहे हैं वो असातनी हैं. ये हमारा मत है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे अस्मिता का केंद्र राम मंदिर हमे वापस मिल गया है. ऐसे में हम सभी हिंदुओं से आह्वान कर रहे हैं कि उत्सव मनाएं. उन्होंने आगे कहा कि पहले मंदिर निर्माण होना भी हमारे लिए एक स्वप्न के समान था,  आशा ही नहीं थी कि राम मंदिर बनेगा. लेकिन अभी के यूपी और भारत के राजा ने इस स्वप्न को सच कर दिया, हमारा स्वप्न साकार हो गया.  

धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने सभी से आह्वान करते हुए कहा कि मैं सभी साधुओं से आह्वान करता हूं कि अपने अहंकार को छोड़े और राजा का साथ दें. सभी हिंदुओं का साथ मांगते हुए उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या तो झांकी है काशी, मथुरा और 5 लाख मंदिर बाकी है, इसलिए सारे हिन्दू साथ दें. साधु संत अहंकार को चूल्हे में डाले और जो राजा हिंदुत्व का काम कर रहा है उसका साथ दें. 

प्रभु श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर शंकराचार्यों के बहिष्कार को लेकर संत कालीचरण महाराज ने कहा कि हो सकता है अपने अपने अहंकार सीधे करने की कोशिश हो. अहंकार के सामने भगवान भी दुय्यम हो जाते हैं. उन्होंने सब छोड़ दिया, लेकिन अहंकार में अटक गए है. 

कांग्रेस के अयोध्या न जाने को लेकर कालीचरण महाराज ने कहा कि भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावें. श्री राम का जिन्होंने विरोध किया वो उनकी नगरी कैसे जाएंगे. जिन्होंने राम का ही विरोध कर दिया वो राक्षस है,राक्षस वहां कैसे जाएंगे. भगवान के पास राक्षस जा नहीं सकते क्योंकि वहां हनुमान जी हैं. 
 धर्मांतरण को लेकर कालीचरण महाराज ने कहा कि धर्म एक ही है, इस्लाम और ईसाई धर्म ही नही हैं. धर्म के तीन लक्षण होते है, जो इस्लाम और ईसाई में नहीं है. एक ही धर्म है वो भी सनातन हिंदू धर्म. धर्म परिवर्तन नही होता, धर्म छोड़ाया जाता है. 

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