जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मार्ग पर आस्था के पवित्र रास्ते को बदनाम करने की घिनौनी साजिश सामने आई है। पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए घोड़ा-खच्चर सेवा देने वाले दो संदिग्धों को दबोच लिया है, जो हिंदू नाम की आड़ में अपनी असली पहचान छुपा रहे थे।
श्री गीता माता मंदिर के पास पुलिस की नियमित जांच के दौरान एक युवक को रोका गया। पूछताछ में उसने अपना नाम 'पूरन सिंह' बताया, लेकिन पुलिस की सख्तियां बढ़ते ही उसकी असली पहचान उजागर हो गई। उसका असली नाम मनीर हुसैन निकला, जो फर्जी सेवा कार्ड के सहारे अवैध रूप से यात्रियों को सेवाएं दे रहा था।
कटरा थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। सवाल उठता है कि आखिर कैसे सुरक्षा तंत्र की आंखों में धूल झोंककर ये घुसपैठिए इतने संवेदनशील क्षेत्र में काम कर रहे थे?
बिना लाइसेंस टट्टू सेवा चलाता मिला साहिल खान
इसी कड़ी में एक और खुलासा हुआ। बाणगंगा पुल के पास पुलिस ने साहिल खान नामक युवक को रंगे हाथों पकड़ लिया। जांच में सामने आया कि साहिल के पास न तो कोई वैध अनुमति थी, न ही कोई लाइसेंस। फिर भी वह यात्रियों को अवैध सेवा दे रहा था। पुलिस ने साहिल के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने चेताया, फर्जी दस्तावेज वालों पर गिरेगी गाज!
पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि मंदिर मार्ग पर फर्जीवाड़ा, संदिग्ध गतिविधियां और अवैध कारोबार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी सेवा प्रदाताओं से वैध दस्तावेज साथ रखने और यात्रियों से भी संदिग्ध हरकतों की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है। निगरानी और सत्यापन अब और भी तेज कर दिया गया है।
पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा सख्त
गौरतलब है कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 बेकसूर नागरिकों की जान चली गई थी, जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है। इस आतंकी हमले की गूंज अब वैष्णो देवी यात्रा पर भी महसूस की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यात्रा के लिए 40 से 45 प्रतिशत अग्रिम बुकिंग तक रद्द हो चुकी है, जो धार्मिक पर्यटन पर गहरा आघात है। आस्था के इस पवित्र धाम पर गिद्ध दृष्टि रखने वालों के खिलाफ अब समय आ गया है कि निर्णायक कार्रवाई हो।