सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

Shardiya Navratri 2024: महानवमी पर ऐसे करें हवन पूजन, बरसेगी मां दुर्गा की कृपा

शारदीय नवरात्रि 2024 की महानवमी आज यानी 11 अक्टूबर को है। ऐसे में नवमी के दिन हवन का विशेष महत्व है।

Rashmi Singh
  • Oct 11 2024 10:02AM

हिंदू धर्म में हवन पूजा को बहुत महत्व दिया गया है। नवरात्रि के दौरान भी हवन करने की परंपरा है। वर्ष में चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान महानवमी के दिन हवन किया जाता है। कहा जाता है कि हवन करने से भक्तों पर माता रानी की विशेष कृपा होती है।  शारदीय नवरात्रि 2024 समाप्त हो रही है। महा अष्टमी और महानवमी आज यानी 11 अक्टूबर 2024 को पड़ रही है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि नवरात्रि में हवन का क्या महत्व है और इस बार हवन की विधि और शुभ समय क्या है। 

महानवमी पर क्यों होता है हवन

शारदीय नवरात्रि हो या चैत्र नवरात्रि, हर साल महानवमी के मौके पर हवन किया जाता है। मान्यता यह है कि हवन की अग्नि और सुगंधित धुएं के माध्यम से यज्ञ, अनुष्ठान और पूजा का सार नवग्रहों और देवताओं तक पहुंचता है, जिससे वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं। इसलिए नवरात्रि के आखिरी दिन विधि-विधान से हवन किया जाता है और तभी 9 देवियों की पूजा सफल मानी जाती है। 

नवरात्रि में हवन की विधि

हवन के दौरान आसपास के वातावरण की स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना लाभकारी होता है। हवन में आहुति देने के लिए उपयोग की जाने वाली वस्तुओं को एकत्रित कर लें और सभी चीजों की अच्छी तरह से जांच कर लें। -हवन में घी और कपूर डालकर अग्नि प्रज्वलित करें। इसके बाद अनामिका उंगली पर आम का पत्ता पकड़ें और अर्पित की गई सामग्री को हवन कुंड में डाल दें। हवन की सामग्री की बात करें तो इसमें काले तिल, जौ, घी, कपूर, सूखे मेवे, मखाना, गुग्गल, बेल, गुड़ और अन्य वस्तुओं का उपयोग किया जा सकता है। हवन में इस्तेमाल होने वाली लकड़ियों की बात करें तो इसमें बेल, पलाश और आम की लकड़ी का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

नवरात्रि में हवन का शुभ मुहूर्त क्या है 

नवरात्रि 2024 के आखिरी दिन कन्या पूजा की जाती है, जिसके बाद हवन के साथ नौ दुर्गाओं की पूजा समाप्त होती है। ऐसे में हवन का शुभ समय जानना बहुत जरूरी है। इस बार हवन के लिए 4 शुभ मुहूर्त हैं। इन शुभ मुहूर्त में हवन करना शुभ रहेगा और माता रानी प्रसन्न होंगी। 

चर- सामान्य- सुबह 06 बजकर 19 मिनट से सुबह 07 बजकर 07 बजकर 46 मिनट तक
लाभ- उन्नति- सुबह 07 बजकर 46 मिनट से सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक
अमृत- सर्वोत्तम- सुबह 09 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक
शुभ- उत्तम- दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक 

विजय दशमी कब है? 

 विजयदशमी का त्योहार नवरात्रि के अगले दिन यानी 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है। माँ दुर्गा ने राक्षस महिषासुर से 9 दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उन्होंने महिषासुर का वध कर दिया।इसलिए इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा भगवान राम से जुड़ी एक मान्यता और भी है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। 

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार