बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथी धार्मिक स्थलों और हिंदुओं पर लगातार निशाना बना रहे है। इसी कड़ी में एक और खबर सामने आई है। दरअसल, बांग्लादेश में तीन और मंदिर को इस्लामिक जिहादियों ने हिंसा का शिकार बनाया है। इस बात की जानकारी खुद राष्ट्रीय प्रवक्ता विहिप के विनोद बंसल ने दी है। उन्होंने इसको लेकर अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट शेयर किया है। विनोद बंसल ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि, "कल फिर बांग्लादेश के अंदर जिहादियों ने तीन हिंदू मंदिरों को तोड़ा, मूर्तियां खंडित कीं और हिंदुओं पर अत्याचार का अपना सिलसिला जारी रखा। खानापूर्ति के लिए वहां के पुलिस ने अज़हरुल नामक एक जिहादी को पकड़ा तो है किंतु वहां लगातार हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार का सिलसिला अभी थमने का नाम नहीं ले रहा।"
उन्होंने आगे लिखा कि, "इस वर्ष अब तक बांग्लादेश में 2200 से अधिक हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा के मामले सामने आए हैं। दर्जनों मंदिर तोड़े, पूज्य संतों और शेष हिंदुओं को अपनी हिंसक मानसिकता का शिकार बनाया। पिछले वर्ष भी सबसे अधिक घटनाएं हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा की सामने आई थीं। अब बहुत हो चुका हिंदुओं पर अत्याचारों का सिलसिला रुकना चाहिए और बांग्लादेश को अपनी जेहादी मानसिकता से बाहर आना चाहिए अन्यथा यही कट्टरपंथी बांग्लादेश को बर्बाद कर देंगे।"
क्या है पूरा मामला ?
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर इस्कॉन के वरिष्ठ सदस्य चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया था। मीडिया रिपोर्टो के अनुसार, उन्हें ढाका एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उन्हें राजद्रोह के आरोप में हिरासत में लिया है। पुलिस ने ढाका एयरपोर्ट से उन्हें उठाकर अज्ञात जगह ले गई है। दरअसल, 22 नवंबर को चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने बांग्लादेश के रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया था। रैली में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों का विरोध किया गया था। माना जा रहा है कि इसी रैली के कारण उन पर यह कार्रवाई की गई।
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने बांग्लादेश के मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले के बाद मंदिरों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि चटगांव में तीन मंदिर खतरे में हैं, लेकिन हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मिलकर अब तक उन मंदिरों को बचाने में सफल हुए हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया था कि कई हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और भारत के पश्चिम बंगाल या त्रिपुरा के रास्ते पलायन कर रहे हैं।
वहीं, बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने हाल ही में एक हाई कोर्ट में हिन्दू धर्म के संगठन ISKCON को ‘कट्टरपंथी’ बताया है। उनका कहना है कि इस संगठन पर कार्रवाई पहले से ही चल रही है। यह बयान ISKCON के एक संत की गिरफ्तारी के बाद सामने आया है। एक वकील ने बांग्लादेश हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ISKCON पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।HC में दायर की गई याचिका में वकील ने ISKCON को देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। वकील ने इस संदर्भ में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कोर्ट से संगठन पर कार्रवाई की अपील की।
प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश पुलिस और इस्लामी कट्टरपंथियों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां और पत्थर बरसाए, साथ ही गोलीबारी की घटना भी सामने आई। इस हमले में एक सरकारी वकील की मौत हो गई। बांग्लादेश पुलिस ने इसे हिन्दू प्रदर्शनकारियों का ही काम बताया, हालांकि हिन्दू संगठन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमला मस्जिद से हुआ था, न कि उनके लोगों द्वारा।