षटतिला एकादशी 2025 का पर्व 25 जनवरी को मनाया जाएगा। यह एकादशी का व्रत खासतौर पर विशेष तिथियों में पड़ने वाली एकादशियों में से एक मानी जाती है। हिन्दू धर्म में एकादशी का व्रत विशेष महत्व रखता है, और षटतिला एकादशी को विशेष रूप से तिल के दानों के साथ पूजा करने की परंपरा है।
शुभ मुहूर्त
षटतिला एकादशी 2025 की तिथि 21 जनवरी को पड़ रही है। इस दिन का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी है, जो विशेष रूप से उपवास और पूजा के लिए उपयुक्त मानी जाती है। पूजा का समय प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व का होता है, जब श्रद्धालु ताजगी और ऊर्जा के साथ व्रत का पालन करते हैं। इस दिन का प्रमुख मुहूर्त सुबह 6:00 बजे से लेकर 8:00 बजे तक माना जाता है।
पूजा विधि
इस दिन भगवान विष्णु का पूजन विधिपूर्वक करना चाहिए। सबसे पहले व्रति को स्नान करके पवित्र होना चाहिए, फिर तिल का स्नान कर भगवान विष्णु का पूजन करें। पूजा में तिल का तेल, तिल के दाने, फूल, दीपक और नैवेद्य अर्पित करें। इसके अलावा, तिल के लड्डू का भोग अर्पित करना भी शुभ होता है। इस दिन व्रति को रातभर जागरण करने का महत्व भी है।
षटतिला एकादशी का महत्व
षटतिला एकादशी का व्रत संतान सुख, समृद्धि और पुण्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भक्तजन तिल के दानों से स्नान करते हैं और तिल से पूजा अर्चना करते हैं। साथ ही इस दिन विशेष रूप से व्रति और उपवास रखने की परंपरा है। षटतिला एकादशी पर विशेष रूप से तिल और तिल के तेल का उपयोग करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।