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हर माह लगभग 15 हजार लोगों को काट रहे हिंसक हुए शहर के कुत्ते

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में खुलासा

Srijan Shukla
  • Jan 21 2025 5:09PM
नोएडा :- शहर में कुत्ते पहले से ज्यादा हिंसक होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट कुछ यही बयां कर रही है। कुत्ते के खरोचने व गंभीर रूप से काटने वालों का आंकड़ा बढ़ा है। अकेले दिसंबर माह में 10 हजार से ज्यादा लोगाें को  श्रेणी दो में रखा गया है, जबकि पहले इस वर्ग में इतने लोग कभी नहीं रखे गए।  रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिमाह कुत्ते के चाटने व छूने पर डर की वजह से एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए अस्पताल आने वालों का आंकड़ा आठ हजार से शून्य पर पहुंच गया है।

जिले में हर महीने करीब 12 से 15 हजार लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। ऐसे में ये लोग सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर आकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवा रहे हैं। इन लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने तीन श्रेणी बांटा है। जिनकी त्वचा को जानवर चाट लेते हैं। श्रेणी एक में रखे गए हैं। श्रेणी दो में खुली त्वचा को कुतरना, मामूली खरोंच या घर्षण बिना खून आए वाले लोगों को रखा गया है। वहीं, श्रेणी तीन में त्वचा के अंदर तक घाव हो जाना या और गंभीर रूप से काटने वाले लोगों को रखा गया है।

जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक 1,45,137 लोगों को कुत्तों ने काटा, इसमें से 31,943 लोगों को श्रेणी एक में रखा गया, जिसमें से जनवरी से अप्रैल तक 31,929 लोगों को श्रेणी एक में रखा, यानी इनको सिर्फ कुत्ते ने चाटा या छुआ है। श्रेणी दो में जनवरी से अप्रैल तक 10,576 और श्रेणी तीन में 11,707 लोगों को रखा गया है। वहीं, मई से दिसंबर तक श्रेणी दो में 71,238 और श्रेणी तीन में 22,823 रखे गए हैं।

इंजेक्शन नहीं, करना पड़ रहा रेफर 
श्रेणी तीन के लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन के साथ रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन इंजेक्शन भी लगाना होता है। सरकारी सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं होने से रेफर करना पड़ रहा है। इनको दिल्ली के अस्पताल में जाकर इंजेक्शन लगवाना पड़ रहा है। 

कुत्ते के चाटने या छूने पर भी इंजेक्शन लगवाने आ जाते हैं, जबकि उनको इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नहीं होती है।

-डॉ. अमित कुमार, जिला पब्लिक हेल्थ ऑफिसर

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