उत्तर प्रदेश को 'टीबी मुक्त राज्य' के रूप में विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज एक नई पहल की है। इस पहल का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'टीबी मुक्त भारत' के संकल्प को साकार करना है। इस दौरान सीएम योगी ने इस दिशा में सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, पूर्व कुलपतियों, शिक्षाविदों और अन्य वरिष्ठ नागरिकों को 'निक्षय मित्र' की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। इन वरिष्ठ नागरिकों को 'निक्षय मित्र' के रूप में टीबी उन्मूलन के प्रयासों में जनजागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी दी गई है।
सीएम योगी ने की अहम बैठक
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज इस संबंध में एक बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों से टीबी उन्मूलन अभियान में सक्रिय सहयोग देने का आह्वान किया। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन के महत्व पर जोर दिया, उन्होंने उपस्थित अधिकारियों और शिक्षाविदों से आग्रह किया कि वे अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग करके इस अभियान को सफल बनाने में योगदान दें।
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि इस अभियान में 'निक्षय मित्र' अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएंगे, और वे समुदाय के बीच टीबी के प्रति जागरूकता फैलाएंगे। उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे टीबी के लक्षणों, उपचार और प्रबंधन के बारे में लोगों को जानकारी दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सही समय पर इलाज शुरू कर सकें। इसके अलावा, इन वरिष्ठ नागरिकों को टीबी के मरीजों को मानसिक और सामाजिक समर्थन देने का भी कार्य सौंपा गया है, ताकि वे डर और संकोच के बिना अपना उपचार जारी रखें।
टीबी के मरीजों के इलाज के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने का दिया आदेश
इस पहल के तहत, मुख्यमंत्री ने सभी निक्षय मित्रों से शपथ दिलाई कि वे टीबी के उन्मूलन के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाएंगे और इस उद्देश्य को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने के लिए निरंतर प्रयास करेंगे।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अभियान को लेकर कई योजनाएं तैयार की हैं, जिनमें स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, लोगों में जागरूकता फैलाना और टीबी के मरीजों के इलाज के लिए समर्पित केंद्रों का निर्माण शामिल है।