उत्तर प्रदेश के कानपुर में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संस्थान के 65वें स्थापना दिवस के अवसर पर आईआईटी कानपुर में डिफेंस स्टार्टअप शोकेस को संबोधित किया। यहां उन्होंने आईआईटी की स्थापना दिवस पर कहा अगले पांच सालों में 50 हजार करोड़ से अधिक का रक्षा निर्यात किया जाएगा। वर्तमान में यह 23 हजार करोड़ का है। 10 वर्ष पहले तक सिर्फ पांच हजार करोड़ का रक्षा निर्यात होता था। मतलब, देश डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बन रहा है। शनिवार को आईआईटी कानपुर के 65वें स्थापना दिवस के मौके पर राजनाथ ने कहा, तकनीक के मंदिर में आया हूं। बिना कुछ मांगे नहीं जाऊंगा।
रक्षा मंत्री ने कहा, "कानपुर का भारत के इतिहास में जो योगदान रहा है, वह उल्लेखनीय है। कानपुर ने भारत को अनेक रत्न दिये हैं। तात्या टोंपे, गणेश शंकर विद्यार्थी और कप्तान लक्ष्मी सहगल जैसे, अनेक स्वतन्त्रता सेनानियों का संबंध कानपुर से रहा है।"
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत वर्तमान में तकनीकी विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है और शीर्ष स्थान पाने की ओर अग्रसर है। उन्होंने युवाओं से अपने अंतर्निहित क्षमता को पहचानते हुए देश की प्रगति में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने IIT कानपुर जैसे संस्थानों को ‘शैक्षिक इंजन’ कहा, जो प्रतिस्पर्धी माहौल में भारत को एक अग्रणी स्थान दिला सकते हैं।
रक्षा मंत्री ने वैश्विक रक्षा क्षेत्र में तकनीक की बढ़ती भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि ड्रोन, लेज़र युद्ध, साइबर युद्ध, सटीक मिसाइलों और हाइपरसोनिक मिसाइलों के उपयोग ने युद्ध को तकनीक-केंद्रित बना दिया है। उन्होंने कहा, "रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमें कुछ उच्च तकनीकों के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। बदलते युद्ध परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीकों के रक्षा अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।"
उन्होंने इस दिशा में सरकार की पूर्ण सहयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि निजी क्षेत्र और शैक्षिक संस्थानों के साथ मिलकर देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। राजनाथ सिंह ने कहा, "हमने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा है, जो युवाओं की ताकत से संभव होगा।"