मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आखिरकार अमेरिका से भारत लाने में सफलता मिल गई है। उसकी जो तस्वीरें सामने आई हैं, उन्होंने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि राणा के पैरों में बेड़ियां हैं और कमर में जंजीर कसी हुई है। अमेरिकी मार्शल्स उसे भारतीय एजेंसियों के हवाले करते नजर आ रहे हैं, जबकि NIA के अधिकारी इस प्रक्रिया में मौजूद रहे।
2020 से चली लंबी कानूनी जंग के बाद मिली जीत
भारत ने वर्ष 2020 में तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग अमेरिका से की थी। राणा ने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अमेरिकी न्यायिक व्यवस्था का हर दरवाजा खटखटाया, मगर सुप्रीम कोर्ट से भी उसे कोई राहत नहीं मिली। अंततः 9 अप्रैल को लॉस एंजेलेस एयरपोर्ट पर अमेरिकी मार्शल्स ने उसे भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया।
मियामी से दिल्ली तक का गोपनीय मिशन
राणा को भारत लाने के लिए बेहद गोपनीय ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। मियामी से दिल्ली तक के इस लंबे सफर में एक प्राइवेट बिजनेस जेट गल्फस्ट्रीम G550 का इस्तेमाल हुआ। यह वही विमान है जिसे आमतौर पर बड़े उद्योगपति या विशिष्ट व्यक्ति ही इस्तेमाल करते हैं। इस उड़ान के दौरान विमान ने रोमानिया के बुखारेस्ट में 11 घंटे का गुप्त ठहराव भी किया, जिसकी आधिकारिक वजह सामने नहीं आई है।
बुखारेस्ट में 11 घंटे की रुकावट
बुखारेस्ट में विमान को करीब 11 घंटे रोका गया। माना जा रहा है कि यह ठहराव सुरक्षा कारणों या क्रू बदलाव के चलते रहा होगा, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। इसके बाद, 10 अप्रैल की सुबह विमान ने बुखारेस्ट से उड़ान भरकर नई दिल्ली में लैंडिंग की।
विशेष विमान ने संभाली जिम्मेदारी
तहव्वुर राणा को भारत लाने में जिस गल्फस्ट्रीम G550 का उपयोग किया गया, वह बेहद आधुनिक और सुरक्षित विमान है। अमेरिकी सेना भी इसी मॉडल का इस्तेमाल करती है। यह विमान लंबी दूरी तक उड़ान भरने में सक्षम है और इसमें एडवांस सुरक्षा सुविधाएं, वायरलेस इंटरनेट, सैटेलाइट फोन, और आधुनिक एंटरटेनमेंट सिस्टम जैसे तमाम आरामदेह साधन मौजूद है। इस विशेष विमान के केबिन में 19 लोग आराम से बैठ सकते हैं, जिनमें से 9 सीटें दीवान शैली की और 6 बेड के रूप में होती हैं। यह मिशन, भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी रणनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है।