वाइस एडमिरल विनीत मैककार्टी, एवीएसएम ने भारतीय नौसेना के इन तीनों बड़े प्लैटफॉर्म्स को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने कहा था कि shipbuilding में जितना investment किया जाए उसका दोगुना positive impact अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। जब हम shipbilding में एक रुपया लगाते हैं तो इकॉनमी में लगभग 1 रुपये 82 पैसों का circulation होता है।
महिलाओं और सज्जनों, मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि आप भारतीय नौसेना के इस मार्चिंग दल के इन युवा पुरुषों और महिलाओं को गौर से देखें। भारत की समुद्री सुरक्षा की जिम्मेदारी - कभी भी, और कहीं भी - इन मजबूत कंधों पर है। उनके मुस्कराते चेहरे देखें –आत्म-निर्भर और आत्मविश्वासी। जैसा कि थोड़ी देर पहले दल कमांडर ने उल्लेख किया था, वे भारत का सूक्ष्म रूप हैं। युवा, गतिशील और सुरक्षित और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ते हुए। यही है भारत। आज का भारत और आने वाले कल का भारत।
वे विशेष हैं क्योंकि उन्हें चुना और चयनित किया गया है और उन्होंने कड़ी ट्रेनिंग की है। वे विशेष इसलिए भी हैं क्योंकि वे आपके सामने हैं। लेकिन इतना ही नहीं, वे विशेष इसलिए भी हैं क्योंकि वे साधारण हैं, क्योंकि वे भारतीय नौसेना के नाविकों और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनका रोज़गार जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों में है, जो भारत के समुद्री हितों की रक्षा करते हैं, गहरे महासागरों की गहराइयों से लेकर अनंत आकाश की ऊंचाइयों तक। वे विशेष हैं क्योंकि वे नया भारत हैं।
आपका यहाँ आने के लिए और हमारे सान्निध्य में होने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। यदि आप मुझसे पूछे कि आज नया क्या है? तो मैं आपसे निवेदन करूँगा कि आप अपने सामने लगे इस झांकी के प्रतिरूप की तरफ ध्यान दें। यह झाँकी भारतीय नौसेना के द्वारा गणतंत्र दिवस की परेड पर दर्शाई जाएगी। आप जो देख रहे हैं वो हिंद महासागर की ओर से भारत का एक परिपेक्ष्य हैं। एक ऐसा परिपेक्ष्य जो हम साधारणता नहीं देख पाते हैं। ये दृष्टिकोण, ये नज़रिया ही आज का नया सच है।