गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर कर्तव्य पथ, नई दिल्ली पर 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' थीम पर आधारित 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) और 10 मंत्रालयों/विभागों के झांकी का प्रदर्शन किया जाएगा। ये झांकी भारत की सांस्कृतिक विविधता, इसके विकास और भविष्य की ओर बढ़ते हुए कदमों को दर्शाएंगी।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की झांकी की सूची:
1. गोवा: गोवा की सांस्कृतिक धरोहर
2. उत्तराखंड: सांस्कृतिक धरोहर और साहसिक खेल
3. हरियाणा: भगवद गीता का प्रदर्शन
4. झारखंड: स्वर्णिम झारखंड: धरोहर और प्रगति का प्रतीक
5. गुजरात: स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास
6. आंध्र प्रदेश: एतिकोप्पका बमालू - पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित लकड़ी के खिलौने
7. पंजाब: पंजाब - ज्ञान और बुद्धि की भूमि
8. उत्तर प्रदेश: महाकुंभ 2025 - स्वर्णिम भारत विरासत और विकास
9. बिहार: स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास (नालंदा विश्वविद्यालय)
10. मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश की महिमा, कुनो राष्ट्रीय उद्यान - चीता की भूमि
11. त्रिपुरा: त्रिपुरा में 14 देवी-देवताओं की पूजा - खारची पूजा
12. कर्नाटका: लकुंडी - पत्थर शिल्प का cradle
13. पश्चिम बंगाल: ‘लक्ष्मी र भंडार’ और ‘लोक प्रसार योजना’ - बंगाल में जीवन को सशक्त करना
14. चंडीगढ़: विरासत, नवाचार और स्थिरता का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण
15. दिल्ली: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
16. दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव: दमन एवीएरी बर्ड पार्क और कुकरी स्मारक - भारतीय नौसेना के वीर सिपाहियों को श्रद्धांजलि
मंत्रालयों/विभागों की झांकी की सूची:
1. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग:** भारतीय संविधान - हमारी विरासत, विकास और मार्गदर्शक
2. जनजाति मामले मंत्रालय:** जनजातीय गौरव वर्ष
3. महिला और बाल विकास मंत्रालय:** महिलाओं और बच्चों का बहुआयामी विकास
4. नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय:** स्वर्णिम भारत - धरोहर और विकास
5. ग्रामीण विकास मंत्रालय:** लाखपति दीदी
6. वित्तीय सेवाएं विभाग:** भारत की वित्तीय यात्रा में अद्वितीय विकास
7. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (IMD): अत्यधिक मौसम की पूर्वानुमान, जीवन और आजीविका की सुरक्षा
8. पशुपालन और डेयरी विभाग: स्वर्णिम भारत की विरासत और विकास - स्वदेशी गायों की प्रगति में योगदान
9. संस्कृति मंत्रालय: स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास
10. सीपीडब्ल्यूडी: भारतीय संविधान के 75 वर्षों का उत्सव फूलों से बनी झांकी
यह परेड भारत की सांस्कृतिक विविधता, समृद्ध विरासत और उसके निरंतर विकास की दिशा को दर्शाएगी। यह कार्यक्रम भारतीय समाज की सांस्कृतिक समृद्धि और एकता के प्रतीक के रूप में आयोजित किया जाएगा।