विजया एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है, जो फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय, सुख-समृद्धि और समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है। तो जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त।
विजया एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, विजया एकादशी की तिथि 23 फरवरी 2025 को दोपहर 1:55 बजे प्रारंभ होकर 24 फरवरी 2025 को दोपहर 1:44 बजे समाप्त होगी। इसलिए, 24 फरवरी 2025 को विजया एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:11 बजे से 6:01 बजे तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त 12:12 बजे से 12:57 बजे तक है। विजय मुहूर्त 2:29 बजे से 3:15 बजे तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 6:15 बजे से 6:40 बजे तक होगा।
विजया एकादशी की पूजा विधि
स्नान और स्वच्छता: सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
पूजा स्थल की तैयारी: मंदिर या घर के पूजा स्थल की सफाई करें। एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
पंचामृत से अभिषेक: भगवान विष्णु का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) और गंगाजल से अभिषेक करें।
अर्पण: भगवान को पीले चंदन, पीले पुष्प, तुलसी के पत्ते, फल, मिठाई और दीपक अर्पित करें।
मंत्र जाप: 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।
व्रत कथा: विजया एकादशी की व्रत कथा का श्रवण करें।
आरती: भगवान की आरती गाकर पूजा का समापन करें।
विजया एकादशी का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए विजया एकादशी का व्रत किया था। इस दिन व्रत रखने से शत्रुओं पर विजय, कार्यों में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है। विजया एकादशी का व्रत श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।