सिद्धपीठ माता शीतला देवी मंदिर में नवरात्रि के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की भव्य श्रृंगार एवं आरती
सिद्धपीठ माता शीतला देवी मंदिर से भक्तों की आस्था जुड़ी है। यह मंदिर लगभग 542 साल पुराना है। यहां हर साल चैत्र और शारदीय नवरात्र पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है। चैत्र मास के नवरात्र पर यहां श्री देवी मेला एवं ग्राम सुधार प्रदर्शनी का भी आयोजन होता है। पूरे वर्ष यहां जनपद ही नहीं दूरदराज से श्रद्धालु आकर मैया की पूजा करते हैं।
सिद्धपीठ माता शीतला देवी मंदिर
शहर से लगभग दो किमी दूर स्थित मां शीतला देवी का मंदिर सिद्धपीठ माना जाता
है। मैनपुरी राज्य का वंश वृक्ष वर्ष 1173 में महाराजा देवब्रह्म से
प्रारंभ हुआ।बुजुर्ग बताते हैं कि 16वीं शताब्दी में जनपद एवं आसपास के स्थलों में बड़ी
चेचक और खसरे का गंभीर प्रकोप हुआ तो मां आदिशक्ति की ख्याति के कारण
जनसमुदाय ने देवी मां का जप और आराधना की। यह रोग उनकी भस्म और असीम कृपा
से दूर हो गया। चूंकि इस रोग में गर्मी की अधिकता रहती है, उससे शीतलता
प्रदान करने वाली शक्ति का नाम शीतला देवी के रूप में ख्याति प्राप्त हो
गया। यहां नेजा चढ़ाने की भी पुरानी परंपरा है।
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