15 अप्रैल 2005 को स्थापित हुई सप्त शक्ति कमान ने आज (15 अप्रैल 2025) जयपुर में अपना 21वां स्थापना दिवस मनाया। सप्त शक्ति कमान भारतीय सेना की सातवीं और सबसे युवा कमान है। पिछले 21 वर्षों में सप्त शक्ति कमान ने सफलता की ऊंचाइयों को छूते हुए पश्चिमी सीमाओं पर मज़बूत सुरक्षा स्थापित की है। 'सर्वदा विजयी भव' के आदर्श के साथ इस कमान ने न केवल देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि ऑपरेशनल प्रिपेयर्डनेस और प्रोफेशनल एक्सीलेंस के उच्चतम मानकों को भी प्राप्त किया है।
यह उल्लेखनीय उपलब्धि सुदृढ़ प्रशिक्षण, नवीन तकनीकों को शामिल करने तथा नवीन तकनीकी एवं सामरिक प्रक्रियाओं के विकास से संभव हुई है। इन्हीं प्रयासों से, यह कमान भविष्य के युद्धक्षेत्र की चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिए एक फ्यूचर-रेडी, टेक्नोलॉजी-ड्रिवन, लीथल और एजाइल फोर्स के रूप में उभरी है। स्थापना दिवस के अवसर पर प्रेरणा स्थल पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया जिसमें देश की सेवा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की गई। यह आयोजन कमान की मूल भावना में निहित वीरता और निःस्वार्थता का एक मार्मिक स्मरण था।
इस ऐतिहासिक अवसर पर, लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह, आर्मी कमांडर, सप्त शक्ति कमान ने सभी रैंकों, पूर्व सैनिकों, रक्षा कर्मचारियों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने कमान की इस गौरवशाली यात्रा में योगदान देने वाले सभी भूतपूर्व और वर्तमान सैनिकों के निस्वार्थ समर्पण, साहस और बलिदान की सराहना की। उन्होंने भारतीय सेना की सबसे युवा कमान को इतने कम समय में विशिष्ट पहचान ,गौरवपूर्ण विरासत स्थापित करने तथा सफलता के शिखर पर पहुँचाने में उनके अहम योगदान को सराहा।
अपने संबोधन में आर्मी कमांडर ने कहा कि कमान ने सेना की दूरदृष्टि के अनुरूप स्वयं को ढालते हुए, नई रणनीतियों को अपनाकर और मल्टी-डोमेन ऑपरेशनों के समन्वय के माध्यम से अपनी ऑपरेशनल प्रिपेयर्डनेस को सशक्त बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने नई तकनीकों के समावेश की आवश्यकता पर बल देते हुए कमान द्वारा किए गए प्रयासों एवं इंफ्रास्टक्टर डेवलपमेंट से जुड़ी विभिन्न पहलों को रेखांकित किया।
आर्मी कमांडर ने कहा कि वेटरन्स और वीर नारियाँ कमान की निरंतर प्रेरणा और शक्ति रही हैं और उनका वेलफेयर कमान की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। उन्होंने उनके कल्याण एवं सशक्तिकरण हेतु अब तक की गई पहलों तथा भविष्य में प्रस्तावित योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
आर्मी कमांडर ने कमान के प्रत्येक सदस्य से राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा हेतु स्वयं को पुनः समर्पित करने का आह्वान किया और नई चुनौतियों का अद्वितीय व्यावसायिकता एवं साहस के साथ सामना करने का संदेश दिया। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे एक साथ मिलकर, एक ही उद्देश्य और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ें तथा हमारे लोकतंत्र की नींव को मजबूत करें और कमान के आदर्श - 'सर्वदा विजयी भव' का दृढ़ता से पालन करें। (PR)