श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण के ऐतिहासिक संघर्ष को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए एक विशेष डॉक्यूमेंट्री तैयार की है। यह डॉक्यूमेंट्री पाँच एपिसोड में विभाजित है और इसे दूरदर्शन पर प्रसारित किए जाने की योजना है। हालांकि इसके लिए अभी केंद्र सरकार से स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है।
500 वर्षों का संघर्ष और सफलता की कहानी
पिछले पाँच सौ वर्षों के दौरान संत-धर्माचार्यों और हिंदू संगठनों ने रामजन्मभूमि के लिए अनगिनत प्रयास किए। इन प्रयासों का परिणाम वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के रूप में सामने आया। इसके बाद पाँच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी। अब तक यह निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
दैनिक दर्शन में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत भूतल पर दर्शन के लिए मंदिर खुल चुका है। प्रतिदिन यहाँ लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों के लिए आस्था और स्वाभिमान का प्रतीक बन चुका है।
डॉक्यूमेंट्री में संघर्ष की झलक
ट्रस्ट द्वारा तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री में राम मंदिर के लिए किए गए ऐतिहासिक संघर्ष और अदालती लड़ाई का विस्तार से वर्णन है। प्रत्येक एपिसोड 30 से 40 मिनट का होगा और कुल मिलाकर यह डॉक्यूमेंट्री दो से ढाई घंटे की होगी। इसमें मंदिर आंदोलन की हर पहलू को दिखाने का प्रयास किया गया है।
दूरदर्शन पर प्रसारण की तैयारी
डॉक्यूमेंट्री की स्क्रिप्ट और प्रूफरीडिंग का काम पूरा हो चुका है। दूरदर्शन पर इसके प्रसारण के लिए प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने जानकारी दी कि जल्द ही सरकार से अनुमति मिलने के बाद इसे प्रसारित किया जाएगा।
संघर्ष की विरासत को सहेजने का प्रयास
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का यह कदम केवल मंदिर निर्माण की कहानी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पाँच सौ वर्षों के संघर्ष, त्याग और समर्पण की विरासत को सहेजने और प्रसारित करने का महत्वपूर्ण प्रयास है।