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जिसे राजनीति बता रही भाईचारे का पर्व, उसमें फिलिस्तीन के झंडों से ले कर उन्मादी नारेबाजी तक... ईद में कई जगहों पर मजहबियों की उन्मादी हरकतें

Eid Ul Fitr 2025: ईद के मौके पर शांति भंग करने की कोशिश, कई शहरों में नमाज के नाम पर सड़क जाम और हंगामा।

Ravi Rohan
  • Mar 31 2025 1:25PM

उत्तर प्रदेश में सोमवार (31 मार्च 2025) ईद-उल-फितर (ईद) के अवसर पर सामूहिक रूप से नमाज अदा की गई। जहां एक तरफ तमाम राजनेता इसे भाईचारे और आपसी प्रेम का पर्व बता रहे ठे तो वहीं जमीन पर कुछ और ही देखने को मिला। सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध के चलते कई जगहों पर पुलिस और नमाजियों के बीच टकराव भी देखने को मिला।

संभल, मेरठ और मुरादाबाद जैसे शहरों में ईदगाह पर नमाज अदा करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। वहीं सहारनपुर में ईद की नमाज के बाद कुछ लोगों ने फिलिस्तीन का झंडा लहराया और विरोध जताने के लिए हाथों पर काली पट्टी बांधी गई। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सुरक्षाबलों को तैनात किया गया।

मुरादाबाद में ईदगाह स्थल भरने से हंगामा

मुरादाबाद में नमाज के दौरान तब विवाद खड़ा हो गया जब ईदगाह स्थल पर भीड़ अधिक होने के कारण कुछ लोगों को प्रवेश से रोका गया। पुलिस द्वारा रोके जाने पर कुछ नमाजियों ने विरोध जताया, जिसके चलते माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने बाद में दूसरी पाली में नमाज अदा करने की अनुमति दी।

मेरठ में भी पुलिस से झड़प


मेरठ में भी ईदगाह जाने के रास्तों पर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे, जिससे कई स्थानों पर पुलिस और नमाजियों के बीच झड़पें हुईं। अधिक भीड़ होने के कारण पुलिस ने सभी रास्तों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया। हालांकि, पुलिस बल की भारी तैनाती के चलते स्थिति को जल्द ही सामान्य कर दिया गया और नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हुई।

वहीं MP के भोपाल के ईदगाह के बाहर भी कुछ नमाजी फलस्तीन के समर्थन में बैनर लेकर खड़े नजर आए हैं। नमाज के बाद फलस्तीन के लोगों के लिए भी दुआ मांगी गई है। अब इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।

संभल में आपस में उलझे नमाज़ी 


संभल जिले में एक ही जगह ईद की नमाज पढ़ने को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए। ये दोनों पक्ष ईदगाह को अपनी जागीर बता रहे थे, जिससे मामला पुलिस तक पहुंच गया। तनातनी की खबर लगते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा। जांच में पता चला कि झगड़े की जड़ में ईदगाह के पूर्व इमाम कारी सुलेमान अशरफ का मरने से पहले लोगों के साथ परिवारवाद है।

स्थानीय लोग अब कारी के बेटे ग़ाज़ी को कतई कबूल करने को तैयार नहीं है। अंत में गेंद अलाउद्दीन के पाले में डाल दी गई। फिलहाल अभी तक मामले का पूरी तरह से स्थायी समाधान नहीं निकला है। प्रशासन हालात पर नजर रखे हुए है, और पूरी तरह से सक्रिय है।    

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