इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
मण्डलायुक्त डॉ0 रोशन जैकब की अध्यक्षता में बुधवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के पारिजात सभागार में जनपद में संचालित हेरिटेज परियोजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उन परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया, जिनकी प्रगति धीमी है या जिन्हें अन्य विभागों से समन्वय की आवश्यकता है।
बैठक में सर्वप्रथम बटलर पैलेस व बटलर झील में कराये जा रहे सौंदर्यीकरण के कार्यों की समीक्षा की गयी। इसमें एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने अवगत कराया कि बटलर पैलेस का कार्य 85 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। वर्तमान में ऊपरी मंजिल के कमरों में कार्य चल रहा है, जोकि 30 अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। इसके अलावा बटलर झील का कार्य 95 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। हाॅर्टीकल्चर के कुछ कार्य अवशेष हैं, जिन्हें भी जल्द ही पूरा करा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बटलर झील में डालीबाग एस0टी0पी0 से ट्रीटेड पानी लाया जाना है, जिसके लिए लगभग 750 मीटर लंबी कनेक्टर लाइन बिछायी जानी है। इस पर मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि एक सप्ताह के अंदर टेंडर स्वीकृत कराकर कार्य शुरू करवाया जाए।
हजरतगंज व नाजा मार्केट में कराये जाने वाले फसाड व सौंदर्यीकरण के कार्यों के सम्बंध में मण्डलायुक्त ने सभी सम्बंधित विभागों को आपस में समन्वय बनाकर कार्य कराने के निर्देश दिये। उन्होंने नगर निगम व जलकल के अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्थानीय व्यापारियों की समस्या का समाधान कराते हुए सीवर व पानी के कनेक्शन का कार्य कराया जाए। उन्होंने कहा कि हजरतगंज के पुराने पटरी दुकानदारों को व्यवस्थित करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी नये सिरे से अतिक्रमण न होने पाये।
इस क्रम मेेें मंडलायुक्त ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वीकेंड पर हेरीटेज टूर डबल डेकर बस सेवा जल्द शुरू की जाए। इस सेवा के तहत सुबह के दौरे को लखनऊ दर्शन और शाम के दौरे को शाम-ए-अवध का नाम दिया जाए। एलडीए को निर्देशित किया कि इन टूर के रूट चार्ट जल्द तैयार किए जाएं ताकि स्थानीय जनता और पर्यटकों को ऐतिहासिक स्थलों का सहज रूप से भ्रमण कराया जा सके। मण्डलायुक्त ने इस पहल के तहत महिलाओं को किराए में 50% की छूट देने के निर्देश भी दिए, जिससे वे इस सुविधा का अधिक लाभ उठा सकें और पर्यटन को बढ़ावा मिले। बैठक में अन्य हेरिटेज परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए, ताकि लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों को गति मिल सके।