बिहार की राजधानी पटना की जामा मस्जिद में शुक्रवार (29 मार्च) को अलविदा जुमा की नमाज के बाद दिए गए एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। मस्जिद के मौलाना ने तकरीर के दौरान कहा कि "हमारे खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं, हमें दबाने और परेशान करने की कोशिश की जा रही है।" उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि "हमें डराने वाले सुन लें, हम सिर्फ अल्लाह से डरते हैं, बाकी किसी ताकत को हम जूती की नोक पर रखते हैं।"
मौलाना ने अपने बयान में हिंसक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि "अगर जरूरत पड़ी तो हम खून बहाने को भी तैयार हैं, लेकिन हमारे नबी या कुरान के खिलाफ कोई फैसला हम पर नहीं थोपा जा सकता।" उनके इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है।
"मुसलमान हर गली-गली में मौजूद है, हमें दबाना बंद करो"
अपने बयान में मौलाना ने सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि "हमारे खिलाफ साजिश रची जा रही है, वक्फ की जमीनें छीनी जा रही हैं। लेकिन ये मत भूलो कि मुसलमान हर गली, हर चप्पे पर मौजूद है। इतनी आसानी से हमें बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।"
उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि "हमें किसी की हमदर्दी की जरूरत नहीं है, तुमने अब तक हमारे लिए किया ही क्या है? मामूली बातों पर मुसलमानों को परेशान किया जाता है, लेकिन जब हम अपने हक की बात करते हैं तो हमें चुप कराने की कोशिश होती है।"
"सड़क पर नमाज पर रोक, लेकिन बाकी त्यौहारों की छूट?"
मौलाना ने सरकार पर भी सवाल उठाए और कहा कि "हमें कहा जाता है कि सड़क पर नमाज मत पढ़ो, लेकिन बाकी त्यौहारों पर सड़कों पर भीड़ लगाने से कोई दिक्कत नहीं होती। यह दोहरी नीति कब तक चलेगी?" उन्होंने वक्फ बिल को लेकर भी कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि "हम इस बिल को कभी नहीं मानेंगे। इसे जबरदस्ती थोपने की कोशिश मत करो।"