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अकाली दल के नेताओं ने मानी अपनी गलतियां... श्री अकाल तख्त साहिब में हुई बैठक में सुनाई गई सजा

सुखबीर बादल सहित अकाली नेताओं और पूर्व जत्थेदारों को श्री अकाल तख्त साहिब से सजा, जानें क्या थे कारण?

Ravi Rohan
  • Dec 2 2024 7:15PM

श्री अकाल तख्त साहिब में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और उनके साथ 2007-2017 के बीच मंत्री रहे नेताओं, पूर्व जत्थेदारों और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 2015 के कार्यकारिणी के सदस्यों को बुलाया गया। इस बैठक का उद्देश्य अकाली दल की सरकार में हुई गलतियों की जांच करना और संबंधित नेताओं को सजा सुनाना था।

सुखबीर बादल को मिली सजा

सुखबीर बादल और उनके मंत्रियों ने अकाली दल के शासनकाल में हुई कुछ गलतियों को स्वीकार किया। इसके बाद जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने उन्हें सजा के रूप में शौचालय की सफाई करने और लंगर सेवा में भाग लेने का आदेश दिया। सुखबीर बादल को एक घंटे तक व्हील चेयर पर बैठकर मुख्य द्वार पर सेवा करने के साथ लंगर के बर्तन धोने की सेवा दी गई। साथ ही, उन्हें श्री सुखमणि साहिब का पाठ भी करना था।

डेरा मुखी को माफी पर सजा

बैठक में डेरा मुखी द्वारा दी गई माफी के मामले को भी उठाया गया। सिंह साहिबान ने डेरा मुखी के माफी की आलोचना की और उसे वापस लेने का निर्णय लिया। साथ ही, माफी की विज्ञापन राशि को भी अकाउंट में जमा करने का निर्देश दिया गया। 

अन्य नेताओं द्वारा माफी की स्वीकारोक्ति

इस दौरान, एसजीपीसी के सदस्यों और शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया। विक्रम मजीठिया और बलविंदर सिंह भूंदड़ जैसे नेताओं ने कहा कि वे सरकार में रहते हुए गलत निर्णयों का हिस्सा रहे, और इस पर उन्हें खेद है। बीबी जागीर कौर ने भी अपनी गलती मानी।

चंदू माजरा पर कार्यवाही

प्रेम सिंह चंदू माजरा ने डेरा मुखी की माफी पर अपनी सफाई दी, लेकिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने उन्हें झाड़ लगाई और श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति अपनी अवहेलना पर उन्हें फटकार लगाई। 

सुखबीर बादल ने स्वीकार की अपनी जिम्मेदारी

सुखबीर सिंह बादल ने अकाली सरकार में हुई कई प्रमुख गलतियों को स्वीकार किया, जिनमें बेअदबी के मामले, बेहबल कला गोलीकांड और सिखों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ी अन्य घटनाएं शामिल थीं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के दौरान उनकी सरकार असफल रही।

जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह का बयान

जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि इस फैसले में किसी भी प्रकार का दबाव नहीं था और यह पूरी तरह से पंथ के हित में लिया गया है। उन्होंने कहा कि अकाली दल का उद्देश्य सिख पंथ की रक्षा करना है, और अगर पार्टी जीवित है, तो वह यह काम बखूबी कर सकती है। 

बैठक में हुई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं

बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि 3 दिसंबर को सुखबीर और अन्य मंत्री एक घंटे के लिए शौचालय साफ करेंगे, उसके बाद नहाकर लंगर सेवा में हिस्सा लेंगे। इसके बाद श्री सुखमणि साहिब का पाठ करेंगे। 

सुखबीर बादल के खिलाफ लगे आरोप

 सुखबीर बादल पर कई आरोप लगाए गए, जिनमें डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को माफी दिलवाने, सुमेध सैनी को डीजीपी बनाने और गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने जैसे आरोप शामिल थे। इन आरोपों के बाद ही श्री अकाल तख्त साहिब ने उन्हें तनखैया घोषित किया था। 


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